शशिकांत सेंथिल अस्पताल में भर्ती; अनशन जारी रखने का संकल्प लिया
देवेंद्र नरेश
- 31 Aug 2025, 05:36 PM
- Updated: 05:36 PM
चेन्नई, 31 अगस्त (भाषा) समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) योजना के तहत केंद्र द्वारा धनराशि रोके जाने के खिलाफ 29 अगस्त से अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे कांग्रेस सांसद शशिकांत सेंथिल को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो गई हैं और वह शनिवार रात से अस्पताल में भर्ती हैं। नेता ने रविवार को यह जानकारी दी।
हालांकि, 46 वर्षीय सेंथिल ने कहा कि वह चेन्नई के राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल में अपना विरोध तब तक जारी रखेंगे, जब तक कि राज्य को एसएसए योजना के तहत धनराशि जारी नहीं कर दी जाती।
पूर्व आईएएस अधिकारी सेंथिल ने कहा, ‘‘अपने अनशन के तीसरे दिन, मुझे उच्च रक्तचाप के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों की सलाह पर, मुझे अब तिरुवल्लूर सरकारी अस्पताल से चेन्नई के राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है।’’
उन्होंने रविवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यहां से भी मैं उसी दृढ़ संकल्प के साथ अपना अनशन जारी रखूंगा जब तक कि समग्र शिक्षा अभियान योजना के तहत हमारी उचित धनराशि जारी नहीं हो जाती।’’
सेंथिल ने तमिलनाडु के लोगों से लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज उठाने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से ‘‘वैचारिक मतभेदों’’ पर ‘राजनीति’ किये बिना राज्य के हक का पैसा जारी करने की मांग की।
सेंथिल के वरिष्ठ पार्टी सहयोगी मणिकम टैगोर ने बताया कि शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सेंथिल से बात की और उनके संघर्ष को अपना पूरा समर्थन दिया।
टैगोर ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘तमिलनाडु से हमारे सहयोगी सांसद शशिकांत सेंथिल लगातार तीसरे दिन अनशन पर हैं। उनकी मांग बहुत सरल है कि तमिलनाडु को मिलने वाली एसएसए निधि जारी की जाए। फिर भी, केंद्र सरकार अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाने के बजाय राजनीति कर रही है।’’
उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस मामले में हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि निर्वाचित संसद सदस्य की आवाज सुनी जाए।
टैगोर ने कहा, ‘‘राज्यों को उनकी वाजिब निधि से वंचित करना न केवल वित्तीय अन्याय है, बल्कि यह संघवाद और लोकतंत्र पर भी हमला है। हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मांग करते हैं कि वे राजनीतिक कारणों से तमिलनाडु को दंडित करना बंद करें और बिना किसी देरी के एसएसए निधि जारी करें।’’
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