धर्मस्थल मामले में ‘साजिश’ का पर्दाफाश करने के लिए एनआईए से जांच कराई जाए: जद(एस)
खारी धीरज
- 31 Aug 2025, 03:02 PM
- Updated: 03:02 PM
हासन (कर्नाटक), 31 अगस्त (भाषा) जनता दल (सेक्युलर) ने धर्मस्थल में दुष्कर्म की घटनाओं, हत्याओं और शवों को दफनाने के आरोपों की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से कराने की रविवार को मांग की, ताकि इस पवित्र स्थल के खिलाफ कथित ‘‘षड्यंत्र और बदनाम करने के अभियान’’ चलाने तथा विदेशों से मिलने वाली संदिग्ध आर्थिक मदद के पीछे के लोगों का पता लगाया जा सके।
जद (एस) की युवा शाखा के अध्यक्ष निखिल कुमारस्वामी के नेतृत्व में रविवार को धर्मस्थल में ‘धर्मस्थल सत्य यात्रा’ निकाली जा रही है।
निखिल कुमारस्वामी ने धर्मस्थल रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘धर्मस्थल मामले में राजनीति करने का कोई सवाल ही नहीं है। हमें सभी को धर्म के लिए खड़ा होना चाहिए और सत्य की जीत होनी चाहिए। कुछ असामाजिक तत्वों ने साजिश रची है और गलत सूचना फैलाने के इस प्रकरण के पीछे हैं। धर्मस्थल के भक्तों के रूप में, हम चाहते हैं कि सच्चाई लोगों के सामने आए।’’
उन्होंने कहा कि जांच को तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाने की जिम्मेदारी एनआईए को दी जानी चाहिए।
निखिल ने कहा, ‘‘लोगों में यह संदेह है कि कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान और यूट्यूब चैनल्स को बहुत ही संगठित और योजनाबद्ध तरीके से इस साजिश के तहत (धर्मस्थल के खिलाफ) गलत सामग्री बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इस साजिश के लिए विदेशों से आर्थिक मदद संभव है, हम जद (एस) की ओर से और धर्मस्थल के भक्तों के रूप में मांग करते हैं कि एनआईए इस मामले की जांच करे।’’
उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार द्वारा विधानसभा में धर्मस्थल के खिलाफ साजिश का आरोप लगाए जाने का जिक्र करते हुए, निखिल कुमारस्वामी ने कहा कि उनके पिता एवं केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी आने वाले दिनों में मामले की एनआईए जांच के बारे में चर्चा करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘कुमारस्वामी दिल्ली में मीडिया को संबोधित करेंगे और विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त कुछ जानकारी साझा करेंगे, जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धरमैय्या के करीबी लोगों की भूमिका के बारे में बताया जाएगा, जो सरकार द्वारा इस मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाने के पीछे हैं।’’
विवाद तब शुरू हुआ जब एक शिकायतकर्ता, जिसकी बाद में पहचान सी. एन. चिन्नैया के रूप में हुई और जिसे झूठी गवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया, ने दावा किया कि पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में कई शवों को दफनाया गया, जिनमें उन महिलाओं के शव भी थे जिनके शरीर पर यौन उत्पीड़न के निशान मिले थे।
भाषा खारी