बांग्लादेश: निर्वाचन आयोग ने आगामी चुनावों को इतिहास में ‘सबसे जोखिम भरा’ करार दिया
पारुल माधव
- 29 Aug 2025, 09:20 PM
- Updated: 09:20 PM
ढाका, 29 अगस्त (भाषा) बांग्लादेश के निर्वाचन आयोग ने अगले साल फरवरी में प्रस्तावित आम चुनावों को शुक्रवार को देश के चुनावी इतिहास का “सबसे जोखिम भरा चुनाव” करार दिया।
आयोग ने अधिकारियों से राजनीतिक अनिश्चितता और सामाजिक अशांति के बीच अप्रत्याशित चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आग्रह किया।
चुनाव आयुक्त एम अनवारुल इस्लाम सरकार ने चुनाव अधिकारियों के लिए आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहा, “आगामी आम चुनाव निस्संदेह बांग्लादेश के चुनावी इतिहास में सबसे जोखिम भरे होंगे। हमें ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिनके बारे में हम अभी तक नहीं जानते।”
इस कार्यक्रम में मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एएमएम नासिर उद्दीन भी शामिल हुए।
आम चुनाव के लिए रोडमैप पेश करते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा मतदान तिथि से कम से कम 60 दिन पहले की जाएगी।
एक अन्य चुनाव आयुक्त अब्दुर रहमानेल मसूद ने भी सरकार की चिंता दोहराते हुए कहा कि आगामी चुनाव “जोखिमपूर्ण होंगे, लेकिन मुद्दा यहीं समाप्त नहीं होता है।”
मसूद ने कहा, “एक पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त को हाल ही में (भीड़ द्वारा) जूतों की माला पहनाई गई, जबकि एक अन्य मौजूदा समय में जेल में हैं।” उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे “केवल कानून का पालन करें” और किसी और की बात न सुनें।
सीईसी उद्दीन ने पेशेवर रुख अपनाने और निष्पक्षता पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को कानून-व्यवस्था के समक्ष पेश आने वाले संभावित खतरों के साथ-साथ सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई जाने वाली गलत एवं भ्रामक सूचना से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया।
उद्दीन ने कहा कि आयोग आगामी चुनावों में चुनाव अधिकारियों से 100 फीसदी निष्पक्ष व्यवहार की उम्मीद करता है।
आगामी चुनाव अगस्त 2024 में स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (एसएडी) के नेतृत्व में हुए आंदोलन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद देश में पहला चुनाव होगा।
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश में अगस्त 2024 में गठित अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। हसीना और उनके सहयोगियों पर मानवता के खिलाफ अपराध सहित अन्य आरोपों में मुकदमा चलने तक अवामी लीग पर चुनाव लड़ने से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और कई वामपंथी समूहों ने चुनाव रोडमैप का स्वागत किया है, वहीं जमात-ए-इस्लामी ने शुक्रवार को इसे “स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव को कमजोर करने” का “ब्लूप्रिंट” बताकर खारिज कर दिया।
जमात नेता सैयद अब्दुल्ला मोहम्मद ताहिर ने कुमिला जिले में चुनाव अधिकारियों के साथ एक बैठक में यूनुस पर चुनाव की समय सीमा समय से पहले घोषित करके अपना “वादा” तोड़ने का आरोप लगाया।
जमात-ए-इस्लामी चुनावों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व (पीआर) प्रणाली लागू करने की मांग कर रही थी, जो जाहिर तौर पर भावी संसद में उसका संभावित प्रतिनिधित्व बढ़ाने की एक कोशिश थी।
ताहिर ने कहा कि इस मामले और अन्य चुनाव सुधारों पर कोई निर्णय लिए बिना ही समय सीमा की घोषणा कर दी गई।
भाषा पारुल