हमें बुजुर्गो की देखभाल करनी चाहिए:वृद्धाश्रम में बाल देखभाल कैसे बच्चों-बुजुर्गों की मदद कर सकती है
देवेंद्र संतोष
- 29 Aug 2025, 05:49 PM
- Updated: 05:49 PM
(क्लेयर लिटलटन, लुईस टाउन्सिन और ज़ेलिना पाब्लो, टॉरेंस यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया द्वारा)
सिडनी, 29 अगस्त (द कन्वरसेशन) दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में एक प्रायोगिक वृद्ध-देखभाल मॉडल के तहत एक स्वतंत्र वृद्ध आवास अपार्टमेंट्स को एक प्रारंभिक शिक्षा केंद्र के साथ स्थापित किया गया है जिसका उद्देश्य निवासियों और बच्चों के बीच संबंधों को बढ़ावा देना है।
यह ऑस्ट्रेलिया में अपनी तरह का पहला मॉडल है जिसके तहत वृद्ध लोग वहीं रहते हैं और प्री-स्कूल के बच्चे (तीन से छह वर्ष की आयु के) वहीं शिक्षा ग्रहण करते हैं, जिससे उनमें दैनिक बातचीत संभव हो पाती है।
‘जर्नल ऑफ इंटरजेनेरेशनल रिलेशनशिप्स’ में प्रकाशित हमारे नए अध्ययन के लिए, हमने पांच वृद्धों और 17 बच्चों से पूछा कि वे इस समुदाय में रहने और सीखने के बारे में क्या सोचते हैं।
हमें खासतौर पर इस बात में दिलचस्पी थी कि इमारत का डिजाइन बच्चों और निवासियों के बीच बातचीत को कैसे बढ़ावा देता है। हमने वृद्धों और बच्चों, दोनों से कहा कि वे उन जगहों की तस्वीरें लें जहां उन्होंने सबसे अधिक समय एक साथ बिताया हो, उनमें से कुछ हमें भेजें और तस्वीरों के अर्थ के बारे में अपने विचार हमसे मौखिक रूप से साझा करें।
इसे ‘‘फोटोवॉयस’’ पद्धति कहा जाता है और इसका इस्तेमाल आमतौर पर बच्चों और वृद्धों की आवाज को शोध में शामिल करने के लिए किया जाता है।
वृद्धों के लिए, हमारे नतीजों से पता चलता है कि इन उपायों से अकेलेपन को कम करने, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने तथा लोगों को सक्रिय और संलग्न रखने में मदद की।
बच्चों के लिए, वृद्धों के साथ बातचीत - जिन्हें वे प्यार से अपने ‘‘दादा-मित्र’’ कहते हैं - सहानुभूति को बढ़ावा देती है, उन्हें वृद्धावस्था के बारे में गहरी समझ विकसित करने की अनुमति देती है, और उनकी शिक्षा को समृद्ध बनाती है।
साझा स्थान और गतिविधियां
एडिलेड के उत्तरी उपनगरों में स्थित इस जगह को निवासियों और बच्चों के बीच अनौपचारिक और व्यवस्थित बातचीत को संभव बनाने के लिए तैयार किया गया था। इसमें एक पुस्तकालय, एक अंतर-पीढ़ी बैठक कक्ष, एक कार्यशाला और एक सामुदायिक उद्यान समेत कई साझा स्थान हैं।
ये स्थान जहां एक ओर अपनेपन और सामुदायिकता की भावना को बढ़ावा देते हैं, वहीं दूसरी ओर बड़े-बुजुर्ग और बच्चे भी सहज भाव से एक-दूसरे से मिलते हैं – उदाहरण के लिए प्रवेश द्वारों, गलियारों और लिफ्ट में। निवासी अक्सर अपनी बालकनी से बच्चों को हाथ हिलाकर अभिवादन करते हैं।
यह सब बुजुर्गों और बच्चों को एक-दूसरे को जानने का अवसर प्रदान करता है, जैसा कि पड़ोस में हो सकता है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि निवासियों और बच्चों दोनों के लिए मजबूत सुरक्षा उपाय लागू हैं, तथा प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षक और वृद्ध-देखभाल कर्मचारी सभी अंतर-पीढ़ीगत गतिविधियों की निगरानी करते हैं।
हमने पाया कि दोनों समूह साझा गतिविधियों को महत्व देते थे, जैसे पियानो बजाना, नाचना, कलाकृतियां बनाना, रेत के गड्ढे में खेलना, और स्ट्रॉबेरी और फूल चुनना। एक निवासी की बिल्ली के साथ खेलना सभी के लिए एक विशेष आकर्षण था।
हमने यह भी देखा कि सीखने का तरीका दोनों तरफ से था, बड़े और छोटे बच्चे एक-दूसरे को हुनर सिखा रहे थे। उदाहरण के लिए, बच्चों ने अपने दादा-दादी को पिंग-पोंग खेलना सिखाया, जबकि बड़े बच्चों को कार्यशाला में उनके खिलौने ठीक करने में मदद कर रहे थे।
जब बड़े-बुजुर्गों ने बच्चों के खिलौनों की मरम्मत में समय बिताया, तो उन्हें गर्व महसूस हुआ कि वे अपने समुदाय के लिए कुछ कर सकते हैं।
बच्चों के लिए, निवासियों के साथ उनकी बातचीत से सहानुभूति को बढ़ावा मिला और उन्हें वृद्धावस्था के बारे में गहरी समझ विकसित करने में मदद मिली।
उदाहरण के लिए, सामुदायिक उद्यानों में बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए हैंडल लगाए गए हैं। उनकी तस्वीर लेने के बाद एक बच्चे ने हमें बताया, ‘‘ये हैंडल इसलिए लगाए गए हैं ताकि वे गिर न जाएं। बच्चों और दादा-दादी के लिए। हमें अपने (दादा-दादी) का ध्यान रखना चाहिए।’’
बड़े-बुजुर्गों के साथ बातचीत से बच्चों को एक तरह का मार्गदर्शन मिला। एक बच्चे ने कार्यशाला में खिलौने ठीक करने वाले एक निवासी के बारे में बताया, ‘‘वह हमारी टूटी हुई कारें ठीक करता है। वह मुझे उन्हें ठीक करना सिखाता है।’’
इस बीच, बुजुर्गों ने बच्चों को अपने जीवन में पाकर और कहानियां सुनाने के अवसर के लिए आभार व्यक्त किया। उदाहरण के लिए, एक वृद्ध ने कहा, ‘‘मुझे कहना होगा कि मुझे (प्रारंभिक शिक्षा केंद्र) जाना बहुत पसंद है, सभी बच्चों के साथ रहना दिल को छू लेने वाला अनुभव होता है।’’
(द कन्वरसेशन)
देवेंद्र