जम्मू में बाढ़ के बाद बचाव कार्य जारी, चार और शव मिले
यासिर वैभव
- 28 Aug 2025, 10:41 PM
- Updated: 10:41 PM
(तस्वीरों सहित)
जम्मू, 28 अगस्त (भाषा) जम्मू और साम्बा में बाढ़ से क्षतिग्रस्त संपत्तियों को बचाने और पुनर्वास के लिए विभिन्न एजेंसियों द्वारा अभियान शुरू किया गया।
इस क्षेत्र में बृहस्पतिवार को अचानक आई बाढ़ में चार और लोग बह गए।
पिछले दो दिन में जम्मू क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण 45 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकतर की मौत वैष्णो देवी तीर्थयात्रा मार्ग पर भूस्खलन के कारण हुई।
बारिश कम होने के बाद बुधवार को राहत कार्यों में तेजी आई।
अधिकारियों के अनुसार, जम्मू में बाढ़ के पानी में चार शव बरामद किए गए।
नगरोटा में तवी नदी से बुधवार शाम एक शव निकाला गया और बताया जा रहा है कि पीड़ित चक रकवाला में डूब गया था।
मढ़ में एक नाले से एक बुजुर्ग व्यक्ति का शव बरामद किया गया।
आर एस पुरा के करखोला क्षेत्र में सीमा बाड़ के पास पानी से एक शव बरामद किया गया, जबकि दूसरा शव बारी ब्राह्मणा के तेली बस्ती क्षेत्र में मिला।
खबरों के अनुसार, लगभग 50 गांवों से संपर्क टूट गया है।
अब तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 12 हजार से अधिक लोगों को निकाला जा चुका है।
तवी, चिनाब, बसंतर, रावी और उझ जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर घट गया है।
उत्तर रेलवे ने बुधवार को जम्मू और कटरा आने-जाने वाली 58 रेलगाड़ियां रद्द कर दी थीं और अब उसने जम्मू से दो हजार से अधिक फंसे हुए यात्रियों को ले जाने के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था की।
रियासी जिले में वैष्णो देवी भूस्खलन की घटना के बाद मलबे से और शव निकाले जाने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है।
अधिकारियों ने बताया कि 24 शवों की पहचान हो चुकी है, जिनमें से 14 महिलाएं हैं।
घटना में कम से कम 20 अन्य घायल हो गए हैं जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।
अर्धकुंवारी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के समीप मंगलवार को अपराह्न लगभग तीन बजे भूस्खलन हुआ और यह स्थान कटरा से मंदिर तक 12 किलोमीटर की यात्रा के लगभग आधे रास्ते पर है।
वर्षाजनित घटनाओं में मंगलवार को डोडा जिले में चार लोगों की मौत हो गई थी।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान का शव प्रागवाल से बरामद किया गया, जबकि एक अन्य शव अखनूर में मिला।
पंजाब सीमा से लगे लखनपुर में सिंचाई विभाग के एक कर्मचारी का शव बरामद किया गया।
भाषा यासिर