बांग्लादेश के पूर्व सैनिकों की बैठक में भीड़ ने तोड़फोड़ की, पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया
देवेंद्र माधव
- 28 Aug 2025, 10:07 PM
- Updated: 10:07 PM
ढाका, 28 अगस्त (भाषा) बांग्लादेश पुलिस ने 1971 के मुक्ति संग्राम के कम से कम एक पूर्व सैनिक और कई अन्य लोगों को हिरासत में ले लिया, जो एक बैठक के लिए एकत्र हुए थे। इस बैठक में भीड़ ने तोड़फोड़ की और प्रतिभागियों को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के ‘‘फासीवादी शासन’’ का समर्थक बताया।
प्रत्यक्षदर्शियों और खबरों के अनुसार, 1971 के कई स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद और पूर्व नौकरशाह नवगठित ‘मोन्चो 71’ के बैनर तले ‘ढाका रिपोर्टर्स यूनिटी ऑडिटोरियम’ में एक निर्धारित चर्चा के लिए एकत्र हुए थे, तभी गुस्साए लोगों के एक समूह ने वहां धावा बोल दिया।
‘मोन्चो 71’ मंच की इस महीने की शुरुआत में इस घोषणा के साथ शुरुआत की गई थी कि यह ‘‘1971 के मुक्ति संग्राम, बांग्लादेश के संस्थापक पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, 1972 के संविधान, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान’’ को कायम रखेगा।’’
प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि अपदस्थ की गई हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के सहयोगी पिछले साल के आंदोलन के खिलाफ साजिश रचने के लिए इस स्थल पर एकत्र हुए थे।
पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में हुए एक बड़े आंदोलन के बाद हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। वह 5 अगस्त, 2024 को देश छोड़कर निकल आयीं थीं, जिसके तीन दिन बाद मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार का पद संभाला था।
वर्ष 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व सैनिक गुलाम मुस्तफा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘इस कार्यक्रम में सभी राजनीतिक पृष्ठभूमि के स्वतंत्रता सेनानियों को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम शुरू होते ही 25 से अधिक युवक वहां आ गए और हंगामा करने लगे।’’
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ढाका विश्वविद्यालय के कानून के प्रोफेसर हाफिजुर रहमान समेत 12 से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया। इनमें प्रमुख नाम अवामी लीग के पूर्व मंत्री लतीफ सिद्दीकी का था, जिन्हें 2014 में अनुशासन भंग करने के आरोप में हसीना की कैबिनेट और पार्टी से निकाल दिया गया था।
ढाका के पुलिस उपायुक्त मसूद आलम ने संवाददाताओं को बताया कि इन लोगों को हिरासत में लिया गया है और कार्रवाई के ‘‘अगले कदम’’ पर निर्णय बाद में लिया जाएगा।
पुलिस ने कहा कि हिरासत में लिये गये लोगों को उनकी जासूसी शाखा कार्यालय में रखा गया, लेकिन उन्होंने सिद्दीकी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति का नाम नहीं बताया।
भाषा
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