केरल : ‘वैश्विक अयप्पा संगमम’ को लेकर भाजपा-माकपा के बीच जुबानी जंग
आशीष माधव
- 28 Aug 2025, 08:39 PM
- Updated: 08:39 PM
तिरुवनंतपुरम, 28 अगस्त (भाषा) आगामी ‘वैश्विक अयप्पा संगमम’ को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के बीच जुबानी जंग बृहस्पतिवार को तेज हो गई और दोनों दलों के नेताओं ने एक-दूसरे पर राजनीति करने का आरोप लगाया।
त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) अपनी 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर राज्य सरकार के सहयोग से 20 सितंबर को पथानामथिट्टा जिले के पंपा में कार्यक्रम का आयोजन करेगा।
इससे पहले, भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि उनकी पार्टी इस कार्यक्रम में विजयन और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की भागीदारी का विरोध करेगी। इसके जवाब में, विजयन ने कहा था कि भाजपा की "धमकियां" इस कार्यक्रम को होने से नहीं रोक पाएंगी।
मुख्यमंत्री की टिप्पणी के बाद चंद्रशेखर ने बृहस्पतिवार को यहां अपने और पार्टी के रुख पर विस्तार से बात की। चंद्रशेखर ने कहा कि वह 18 बार सबरीमला जा चुके हैं और उन्हें सम्मेलन के बारे में बोलने का ज्ञान है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे मुख्यमंत्री ने कल इस संबंध में पांच बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘वैश्विक अयप्पा संगमम’ के आयोजन के पीछे कोई राजनीति नहीं है। लेकिन अगर यह राजनीति नहीं है, तो क्या है? अगर यह राजनीति नहीं है, तो देवस्वओम बोर्ड के अध्यक्ष चेन्नई क्यों गए? फिर स्टालिन को क्यों बुलाया गया? वह भगवान अयप्पा के भक्त कब से बन गए?’’
चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘यह राजनीति है। लोग इसे साफ तौर पर राजनीति ही मानते हैं। चुनाव से ठीक चार महीने पहले यह सिर्फ एक राजनीतिक नौटंकी है।’’
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने अपना रुख दोहराते हुए कहा, ‘‘हिंदुओं को वायरस कहने वाले स्टालिन और अयप्पा के भक्तों को धोखा देने वाले माकपा के मुख्यमंत्री को वहां नहीं जाना चाहिए। मैं यहां बहुत स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री आस्तिक नहीं हैं, वह नास्तिक हैं। लेकिन मैं एक हिंदू आस्तिक हूं। हमारी पार्टी में हिंदू, ईसाई और मुसलमान हैं और उनमें से 99 प्रतिशत आस्तिक हैं।
उन्होंने पूछा, "क्या एक ऐसे मुख्यमंत्री को यह कार्यक्रम संचालित करना चाहिए जो आस्तिक नहीं है?"
चंद्रशेखर की टिप्पणी के बाद सामान्य शिक्षा एवं श्रम मंत्री वी शिवनकुट्टी ने एक बयान जारी कर दावा किया कि भाजपा के प्रदेश प्रमुख द्वारा ‘वैश्विक अयप्पा संगमम’ का राजनीतिकरण करने का प्रयास श्रद्धालुओं का अपमान है।
उन्होंने कहा, "राजीव चंद्रशेखर के बयानों से केरल की सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के प्रति उनकी अज्ञानता और समझ की कमी दोनों ही उजागर होती है। केरल की आध्यात्मिकता और भक्ति किसी एक राजनीतिक दल या व्यक्ति की संपत्ति नहीं है।’’
शिवनकुट्टी ने कहा, ‘‘विजयन ऐसे नेता हैं जो वर्षों से लोगों के बीच काम कर रहे हैं, उनकी समस्याओं को समझ रहे हैं और उनका समाधान ढूंढ रहे हैं। राजीव चंद्रशेखर को विजयन की आलोचना करने का क्या अधिकार है, जो अपने शासन के कारण लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं?"
शिवनकुट्टी ने कहा कि राजीव चंद्रशेखर ने पिछले साढ़े नौ सालों में किए गए विकास कार्यों को जानबूझकर नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा, "सरकार श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है। ऐसे मामलों को सिर्फ राजनीतिक चश्मे से देखना उचित नहीं है।"
भाषा आशीष