जरांगे मुंबई रवाना, सरकारी प्रतिनिधिमंडल पुणे के पास उनसे मुलाकात करेगा
नोमान माधव
- 27 Aug 2025, 08:26 PM
- Updated: 08:26 PM
छत्रपति संभाजीनगर, 27 अगस्त (भाषा) मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे फिर से भूख हड़ताल शुरू करने के लिए मुंबई के लिए बुधवार को रवाना हुए, लेकिन राज्य की राजधानी जाते समय उन्होंने पुणे के निकट एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल से मिलने पर सहमति जताई।
कार्यकर्ता ने घोषणा की है कि वह 29 अगस्त से मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन बैठेंगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां केवल एक दिन के लिए आंदोलन करने की अनुमति दी है, जिसमें प्रदर्शनकारियों की संख्या 5,000 से अधिक नहीं होगी।
राज्य की राजधानी से 400 किलोमीटर दूर जालना जिले में अपने गांव अंतरवाली सराटी में पत्रकारों से बात करते हुए जरांगे ने आश्वासन दिया कि उनके समर्थक शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करेंगे और गणेश उत्सव में बाधा नहीं डालेंगे।
जरांगे मराठा समुदाय को कुनबी जाति (अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल एक जाति) के रूप में मान्यता दिलाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं, ताकि उन्हें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिल सके।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता ने संवाददाताओं को बताया कि उन्हें कैबिनेट उप-समिति के प्रमुख और राज्य के मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल का फोन आया था, जिसमें उन्हें बताया गया कि सरकार की एक टीम चर्चा के लिए पुणे जिले के शिवनेरी पहुंचेगी।
जरांगे ने कहा, ‘‘शिवनेरी में बातचीत के लिए एक प्रतिनिधिमंडल आ सकता है। मैं किसी कमरे में नहीं बैठूंगा, बातचीत खुले में होगी। बातचीत के लिए चाहे कोई भी आए, हम इस बार मराठा आरक्षण हासिल करके रहेंगे।’’
इस बीच, विखे पाटिल ने कहा कि सोमवार को हुई कैबिनेट उप-समिति की पहली बैठक में मराठा समुदाय को आरक्षण का लाभ देने से संबंधित जरांगे की मांगों पर विचार-विमर्श किया गया।
उन्होंने बताया कि मराठा आरक्षण पर शिंदे समिति को छह महीने का विस्तार दिया गया है, जिसकी मांग जरांगे ने पहले भी की थी। विखे पाटिल ने कहा, ‘‘उप-समिति ने अपनी पहली ही बैठक में इस मांग को स्वीकार कर लिया।’’
जालना पुलिस ने 40 शर्तें लगाने के बाद जरांगे और उनके समर्थकों को मार्च जारी रखने की अनुमति दे दी। इन शर्तों में उन्हें कानून-व्यवस्था से संबंधित किसी भी स्थिति से बचने, वाहनों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न न करने और ‘‘आपत्तिजनक’’ नारे लगाने से बचने का निर्देश दिया गया है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जरांगे से मंगलवार को अनुरोध किया था कि वह 27 अगस्त से शुरू हो रहे गणेश उत्सव के दौरान मुंबई में प्रदर्शन करने की अपनी योजना पर फिर से विचार करें।
जरांगे ने बुधवार सुबह अंतरवाली सराटी से रवाना होने से पहले पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें उकसाने की कोशिशें की जाएंगी, लेकिन हम मुंबई के आजाद मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन जारी रखेंगे। इस बार चाहे कितना भी समय लगे, हम मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुनिश्चित करेंगे।’’
बीड, छत्रपति संभाजीनगर, जालना और मराठवाड़ा क्षेत्र के अन्य जिलों से सैकड़ों समर्थक सुबह से ही अंतरवाली सराटी में पहुंचने लगे थे।
मुंबई रवाना होने से पहले जरांगे ने अपने समर्थकों को संबोधित किया और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए उन पर ‘‘हिंदू विरोधी और मराठा विरोधी’’ होने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि पाबंदियों के बावजूद विरोध प्रदर्शन मुंबई में होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अब गेंद फडणवीस के पाले में है कि वह हमें अनुमति देते हैं या नहीं।’’
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘एकनाथ शिंदे को (मराठा आरक्षण पर) बोलने नहीं दिया जा रहा है।’’
मुंबई में, आज़ाद मैदान थाने के वरिष्ठ निरीक्षक ने कार्यकर्ता को एक पत्र लिखा और एक आवेदन के जवाब में, 29 अगस्त को सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक आज़ाद मैदान में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी। पत्र में कहा गया है कि शाम छह बजे सभी प्रदर्शनकारियों को वहां से जाना होगा।
इसमें कहा गया है कि मुंबई में प्रवेश करने के बाद, वाडी बंदर जंक्शन से मुख्य प्रदर्शनकारियों के केवल पांच वाहन ही आजाद मैदान की ओर जा सकते हैं और वहां प्रदर्शनकारियों की संख्या 5,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
पत्र में निर्देश दिया गया है कि विरोध प्रदर्शन से गणेश उत्सव के आयोजन में बाधा नहीं आनी चाहिए या यातायात जाम नहीं होना चाहिए। साथ ही प्रदर्शनकारियों को चेतावनी भी दी गई है कि वे सांप्रदायिक घृणा न भड़काएं या सांप्रदायिक भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं।
पुलिस ने कहा कि बच्चों, गर्भवती महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लेना चाहिए।
जरांगे के मार्च से पहले लातूर जिले में 35 वर्षीय एक व्यक्ति ने आत्महत्या का प्रयास किया। उसने सरकार पर मराठा आरक्षण के मुद्दे पर देरी करने और मराठा आरक्षण कार्यकर्ता को बार-बार भूख हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया।
अहमदपुर तहसील के शिंगडी (बू) गांव के बलिराम श्रीपति मुले ने मंगलवार दोपहर को जहर पी लिया। उसे लातूर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया।
गौरतलब है कि 2024 की शुरुआत में तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में राज्य सरकार ने मराठा समुदाय को एक अलग वर्ग के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए एक कानून लागू किया था। हालांकि, जरांगे की मांग है कि उनके समुदाय के सदस्यों को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण दिया जाए।
भाषा
नोमान