बिहार में विपक्षी दलों का महागठबंधन स्वार्थवश साथ आये लोगों का समूह; राजग में सब ठीक: कुशवाहा
सुभाष अविनाश
- 27 Aug 2025, 07:34 PM
- Updated: 07:34 PM
नयी दिल्ली, 27 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि बिहार में विपक्षी दलों का महागठबंधन स्वार्थवश एक साथ आए लोगों का समूह है और इस गठजोड़ का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि इसके उलट, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सब कुछ ठीक है और चिंता की कोई बात नहीं है।
कुशवाहा ने ‘पीटीआई वीडियो’ को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए राजग में सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है, लेकिन सब कुछ समय पर हो जाएगा।
कुशवाहा का आरएलएम राजग का घटक दल है।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विपक्षी दलों द्वारा किये जा रहे विरोध पर आरएलएम प्रमुख ने दावा किया कि उनका मुद्दा ‘‘झूठा’’ है और यह जनता का मुद्दा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे (विपक्षी दल) आरोप लगा रहे हैं कि मतदाता सूची से बड़ी संख्या में नाम हटा दिये जाएंगे। लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। वास्तविकता यह है कि जिन लोगों की मृत्यु हो गई है, जिनके नाम दो जगहों पर हैं या जो दूसरे स्थानों पर चले गए हैं, उनके नाम मतदाता सूची में नहीं होने चाहिए।’’
कुशवाहा ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों ने लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की, लेकिन जनता गुमराह होने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि संदेश धीरे-धीरे जनता तक पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष को लगता है कि लोगों के नाम गलत तरीके से हटाए गए हैं, तो उन्हें ऐसे लोगों को मीडिया के सामने लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने भी राजनीतिक दलों से उसे हलफनामा देकर अपनी बात रखने को कहा है। इसके अलावा, न्यायालय भी इस मामले की पड़ताल कर रहा है।
बिहार में विपक्ष की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर तेजस्वी यादव का कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा स्पष्ट रूप से समर्थन न करने के बारे में पूछे जाने पर भी कुशवाहा ने कहा, ‘‘राहुल ने मुख्यमंत्री पद के लिए महागठबंधन के उम्मीदवार के रूप में तेजस्वी यादव का नाम नहीं लिया। इससे विपक्षी गठबंधन की स्थिति स्पष्ट हो जाती है।’’
कुशवाहा ने दावा किया कि महागठबंधन स्वार्थवश एक साथ आए लोगों का समूह है और हर कोई अपनी मर्जी से बोलता है। उन्होंने कहा कि इस गठबंधन का कोई मतलब नहीं है।
बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन सहित विपक्षी गठबंधन के नेताओं की भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चूंकि यह चुनाव का समय है, विपक्षी दलों के नेता यात्रा कर सकते हैं और बैठकें कर सकते हैं लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिलेगी।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान द्वारा बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार पर बार-बार सवाल उठाए जाने के बारे में पूछे जाने पर कुशवाहा ने कहा, ‘‘राजग में सब कुछ ठीक है। जहां तक किसी भी गठबंधन की बात है, तो उसमें कुछ मर्यादा होनी चाहिए।’’
कुशवाहा ने कहा कि गठबंधन में बयानबाजी से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि कितना बोलना है, इसका ध्यान रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजग में सीट बंटवारे को लेकर अभी कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है, लेकिन सब कुछ समय पर हो जाएगा।
बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्षी दलों को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से मिल रही चुनौती पर कुशवाहा ने कहा कि राज्य में मुकाबला दो टीमों -- राजग और महागठबंधन -- के बीच है। उन्होंने कहा, ‘‘जो पैवेलियन में हैं, उनके बारे में क्या कहा जा सकता है।’’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने की कुछ हलकों से उठ रही मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि या तो बेटे को निर्णय लेना है, या फिर मुख्यमंत्री को पिता या जद(यू) नेता के तौर पर निर्णय लेना है।
कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार दो पद संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री होने के नाते उनके (नीतीश) पास बहुत काम है और उन्हें मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए।
आरएलएम अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह राज्य के लिए अच्छा है। लेकिन वह पार्टी की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इससे पार्टी का काम प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनसे इस संबंध में अनुरोध भी किया है।’’
भाषा सुभाष