उत्तराखंड: चिन्यालीसौड़ और गौचर की हवाई पट्टियों का संचालन वायुसेना करेगी
संतोष
- 25 Aug 2025, 09:13 PM
- Updated: 09:13 PM
देहरादून, 25 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में चिन्यालीसौड़ और चमोली जिले में गौचर हवाई पट्टियों का संचालन भारतीय वायुसेना करेगी जबकि पिथौरागढ़ स्थित हवाई अड्डे का संचालन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा किया जाएगा।
राज्य सरकार पिथौरागढ़ हवाई अड्डे का विस्तार भी करने जा रही है, जिस पर 450 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
प्रदेश सरकार सीमांत जिलों में हवाई सेवाओं के विस्तार पर जोर दे रही है जिससे स्थानीय निवासियों को सुविधाएं प्रदान करने के साथ ही सामरिक जरूरतों को भी पूरा किया जा सके।
इसी क्रम में राज्य सरकार ने चिन्यालीसौड़ और गौचर हवाई पट्टियों का संचालन भारतीय वायुसेना के हवाले करने पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है ।
इसी तरह, प्रदेश सरकार पिथौरागढ़ हवाई अड्डे का संचालन एएआई के जरिए करने पर सैद्धांतिक तौर पर सहमत हो गई है।
इसके लिए राज्य सरकार और एएआई के बीच समझौता ज्ञापन पर दस्तखत करने पर सहमति बन गई है।
सरकार पिथौरागढ़ हवाई अड्डे का विस्तार भी करने जा रही है जिस पर करीब 450 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके साथ ही, सरकार गुंजी से आदि कैलाश क्षेत्र में हवाई सेवा शुरु करने के लिए यहां एक किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाने की तैयार कर रही है जिसके निर्माण में भी वायुसेना द्वारा तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा ।
इस संबंध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सीमांत प्रदेश में हवाई नेटवर्क का विस्तार बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘इससे स्थानीय निवासियों के साथ ही सामरिक जरूरतों की भी पूर्ति संभव होगी।’’
उधर, केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राममोहन नायडू ने मुख्यमंत्री को पत्र के जरिए जानकारी दी है कि पिथौरागढ़ और मुनस्यारी के बीच उड़ान योजना के तहत हेली सेवा का संचालन 30 सितंबर तक शुरू होने की उम्मीद है। केंद्र ने इस मार्ग पर सेवा उपलब्ध कराने के लिए ‘हेरिटेज एविएशन’ का चयन किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिनों केंद्रीय मंत्री से राज्य में हेली सेवाओं के विस्तार के लिए सहयोग मांगा था।
पत्र में यह भी जानकारी दी गयी है कि पिथौरागढ़- धारचूला मार्ग पर भी उड़ान योजना के तहत हेली सेवा उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है, जिसके लिए धारचूला में हेलीपैड बनाने के लिए जमीन की आवश्यकता है।
इस मार्ग पर सेवा संचालन के लिए ‘हेरिटेज एविएशन’ को प्रारंभिक सहमति प्रदान की गई है।
भाषा दीप्ति