केंद्र की अक्षमता छिपाने के लिए शाह ने न्यायमूर्ति रेड्डी पर निशाना साधा: स्टालिन
देवेंद्र नेत्रपाल शफीक
- 24 Aug 2025, 11:16 PM
- Updated: 11:16 PM
(तस्वीरों के साथ)
चेन्नई, 24 अगस्त (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी सुदर्शन रेड्डी पर नक्सलवाद को लेकर निशाना साधने के लिए रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना की।
स्टालिन ने आरोप लगाया कि केंद्र नक्सलवाद को समाप्त नहीं कर सका और अपनी अक्षमता को छिपाने के लिए शाह ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रेड्डी को ‘‘नक्सल’’ करार दिया।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रेड्डी का समर्थन करने के लिए विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं, तमिलनाडु से लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों की एक बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि रेड्डी उपराष्ट्रपति पद के लिए पूरी तरह से योग्य उम्मीदवार हैं।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रेड्डी रविवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और राज्य में उसके सहयोगी दलों से समर्थन मांगने के लिए चेन्नई में थे।
स्टालिन ने कहा कि न केवल ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दल, बल्कि लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले सभी लोगों ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में केवल रेड्डी को ही स्वीकार किया।
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के कानूनी और न्यायिक करियर को रेखांकित करते हुए स्टालिन ने कहा कि रेड्डी ने अपना जीवन कानून और न्याय के लिए समर्पित कर दिया और संविधान की गरिमा को बनाए रखा।
मुख्यमंत्री ने पूछा, ‘‘आज उनकी जरूरत क्यों है?’’ और उन्होंने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जब भाजपा संविधान को ‘‘नुकसान पहुंचाने’’ की कोशिश कर रही है, तब संविधान की रक्षा के लिए उनकी (रेड्डी) जरूरत है।
उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रेड्डी ने तमिलनाडु की भावनाओं का सम्मान किया और एनईपी के प्रति उनका विरोध इसका एक उदाहरण है और वह बहुलवाद, संविधान, तमिलनाडु और लोगों के पक्ष में हैं और इसलिए, उनका समर्थन करने के लिए इससे बड़ा कोई कारण नहीं है।
स्टालिन ने कहा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की आलोचना कैसे कर सकते हैं? वह उन पर नक्सली होने का आरोप लगाते हैं। एक गृह मंत्री ने अपनी जिम्मेदारी भूलकर एक पूर्व न्यायाधीश के खिलाफ अनुचित टिप्पणी की है।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा शासन उग्रवाद को समाप्त नहीं कर सका और अपनी ‘‘अक्षमता’’ को छिपाने के लिए वे पूर्व न्यायाधीश को दोषी ठहराने का प्रयास कर रहे हैं।
द्रमुक नेता ने कहा, ‘‘भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अब क्या कर रही है? वह राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों को तैनात कर रही है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वह स्वतंत्र संगठनों को भाजपा के आनुषंगिक संगठनों में बदल रही है। संविधान ही खतरे में है। इन परिस्थितियों में, आज हमें एक ऐसा व्यक्ति मिला है, जो धर्मनिरपेक्षता, संघवाद, सामाजिक न्याय और अनेकता में एकता के सिद्धांतों में विश्वास रखता है। हमारा कर्तव्य है कि हम उनका समर्थन करें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, तमिलनाडु और उसके लोगों के खिलाफ सब कुछ करने के बाद, भाजपा अब तमिल होने का मुखौटा पहनकर उपराष्ट्रपति पद के लिए राजग उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के लिए समर्थन मांग रही है। यह बहुत पुरानी चाल है। राजनीति को व्यक्ति नहीं, विचारधाराएं निर्देशित करती हैं।’’
स्टालिन ने कहा कि केवल उस विचारधारा का समर्थन किया जाना चाहिए, जो लोगों के हितों और उनके कल्याण के लिए काम करती हो।
उन्होंने कहा कि इसलिए, लोकतंत्र, संसदीय परंपराओं और संविधान की रक्षा के लिए न्यायमूर्ति रेड्डी को उपराष्ट्रपति बनना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने पूर्व न्यायाधीश को अपनी शुभकामनाएं दीं।
‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति रेड्डी ने कहा कि यदि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को ‘‘पुनर्गठित’’ करने और राज्यों को वित्तीय संसाधनों के आवंटन के मामले में नीतियां बनाने का प्रयास किया जाता है, तो यह संघवाद के विचार के लिए खतरे की घंटी होगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यों को नगर पालिकाओं के स्तर तक ले जाया जायेगा और उन्हें ‘‘लोगों द्वारा दी जाने वाली सहायता पर निर्भर बना दिया जाएगा, चाहे वह सत्ता में कोई भी हो, चाहे वह एक या दो व्यक्ति ही क्यों न हों।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इसलिए, इसका मुकाबला करने के लिए एक उपयुक्त रणनीति और नीति विकसित की जानी चाहिए।’’
द्रमुक शासन और राज्यपाल आरएन रवि के बीच टकराव का अप्रत्यक्ष संदर्भ देते हुए पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि द्रमुक नेतृत्व दूरदर्शी है, क्योंकि उन्होंने दशकों पहले ही वर्तमान संकट का अनुमान लगा लिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने बारे में या अपने निर्णयों के बारे में नहीं बोल रहा हूं; अब मेरा मूल्यांकन करना आप सभी का और समाज का काम है। मैंने पर्याप्त संख्या में निर्णय दे दिए हैं; अब मेरा मूल्यांकन करने की आपकी बारी है।’’
उन्होंने कहा कि वह अब तक संविधान की रक्षा कर रहे हैं और अगर मौका मिला तो संविधान की रक्षा और बचाव के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
भाषा देवेंद्र नेत्रपाल