गाजा के सबसे बड़े शहर में अकाल की स्थिति : प्राधिकार
एपी पारुल नरेश
- 22 Aug 2025, 04:27 PM
- Updated: 04:27 PM
गाजा सिटी, 22 अगस्त (एपी) गाजा पट्टी का सबसे बड़ा शहर अकाल की चपेट में है और इजराइल एवं हमास के बीच युद्ध-विराम न होने तथा मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित न किए जाने पर यह संकट पूरे क्षेत्र में फैल सकता है। खाद्य संकट पर दुनिया के अग्रणी प्राधिकार ने शुक्रवार को यह आशंका जताई।
‘द इंटिग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन’ (आईपीसी) ने कहा कि गाजा सिटी में अकाल की स्थिति है और यह संकट अगले महीने के अंत तक दक्षिण में दीर अल-बलाह और खान यूनिस जैसे शहरों तक फैल सकता है।
आईपीसी की यह टिप्पणी सहायता समूहों की ओर से महीनों से दी जा रही उन चेतावनियों के बाद आई है, जिनमें कहा गया है कि इजराइल के गाजा पट्टी में खाद्य एवं अन्य मानवीय सहायता की आपूर्ति बाधित किए जाने और लगातार सैन्य कार्रवाई जारी रखने के कारण फलस्तीनी नागरिकों, खासकर बच्चों के लिए भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है।
आईपीसी ने पहली बार पश्चिम एशिया के युद्धग्रस्त क्षेत्र में अकाल की स्थिति की पुष्टि की है, जिससे इजराइल पर हमास के साथ युद्ध-विराम समझौता करने का दबाव बढ़ सकता है।
इजराइल ने कहा है कि वह गाजा पट्टी में सैन्य अभियान तेज कर गाजा सिटी और हमास के दबदबे वाले अन्य शहरों पर नियंत्रण हासिल करने की योजना बना रहा है। विशेषज्ञों ने इससे क्षेत्र में खाद्य संकट और गहराने की आशंका जताई है।
आईपीसी ने कहा कि गाजा पट्टी में 22 महीने से जारी लड़ाई, मानवीय सहायता की नाकाबंदी, बड़े पैमाने पर विस्थापन और खाद्य उत्पादन ठप पड़ जाने के कारण भुखमरी लगातार बढ़ रही है और पूरे क्षेत्र में लोगों के जीवन पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।
आईपीसी के मुताबिक, गाजा पट्टी में पांच लाख से ज्यादा लोग, यानी कुल आबादी का लगभग एक-चौथाई हिस्सा, भयावह स्तर के खाद्य संकट का सामना कर रहा है और कई लोगों पर कुपोषण संबंधी कारणों से मौत का जोखिम मंडरा रहा है।
हालांकि, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पट्टी में भुखमरी जैसी स्थिति से इनकार किया है। उन्होंने क्षेत्र में भूख से लोगों की मौत की खबरों को हमास की ओर से फैलाया गया “झूठ” करार दिया है।
गाजा पट्टी में दुर्बल बच्चों की तस्वीरें सामने आने और भूख से संबंधित मौतों की खबरें प्रकाशित होने के बाद इजराइल ने क्षेत्र में अधिक मानवीय सहायता की पहुंच सुनिश्चित करने के उपायों की घोषणा की है। फिर भी संयुक्त राष्ट्र और फलस्तीनियों का कहना है कि क्षेत्र में जो सहायता पहुंच रही है, वह जरूरत के हिसाब से बहुत कम है।
गाजा पट्टी में मानवीय सहायता की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार इजराइली सैन्य एजेंसी ‘सीओजीएटी’ ने आईपीसी की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और इसे “झूठा एवं पक्षपातपूर्ण” बताया।
‘सीओजीएटी’ ने कहा कि गाजा पट्टी में भुखमरी जैसी स्थिति नहीं है और हाल के हफ्तों में क्षेत्र में पहुंचने वाली मानवीय सहायता की मात्रा बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
एपी पारुल