छत्तीसगढ़ : ननों की गिरफ्तारी के मामले में पीड़ित तीन युवतियां पहुंची महिला आयोग
संजीव मनीषा जितेंद्र
- 22 Aug 2025, 01:32 PM
- Updated: 01:32 PM
रायपुर, 22 अगस्त (भाषा) छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में कथित मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण मामले में पीड़ित तीन युवतियों ने आरोप लगाया कि पिछले महीने जब दो ननों व एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था उस समय राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) थाने में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उनसे छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार किया था।
पीड़ित युवतियों ने इस संबंध में राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया कि युवतियों की शिकायत के बाद आयोग ने 20 अगस्त को मामले की सुनवाई की, जिसमें तीनों युवतियां मौजूद थी हालांकि प्रतिवादी पक्ष इस दौरान उपस्थित नहीं हुए।
इसके बाद दुर्ग जिले और जीआरपी के पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर अगली सुनवाई में उपस्थित कराने के लिए कहा गया।
रेलवे पुलिस के मुताबिक, बजरंग दल के स्थानीय पदाधिकारी की शिकायत पर 25 जुलाई को जीआरपी ने नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस के साथ सुकमन मंडावी नाम के एक व्यक्ति को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था।
बाद में बिलासपुर जिले की एक विशेष अदालत से जमानत मिलने के बाद दो अगस्त को उन्हें दुर्ग केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया था।
युवतियों के अधिवक्ता फूलसिंह कचलाम ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि नारायणपुर जिले की निवासी 19 से 21 वर्ष की तीन युवतियों सुखमती मंडावी, ललिता उसेंडी और कमलेश्वरी प्रधान ने राज्य महिला आयोग से शिकायत की कि वे 25 जुलाई को नारायणपुर से दुर्ग पहुंची थी और वहां से काम करने के लिए उत्तर प्रदेश के आगरा शहर जाने वाली थीं।
उन्होंने बताया कि जब वे रेलवे स्टेशन पर थीं तब ज्योति शर्मा, रवि निगम तथा कुछ अन्य असमाजिक तत्वों ने उन्हें पकड़ लिया और उनसे गाली-गलौच की।
युवतियों ने शिकायत में कहा कि इसके बाद शर्मा, निगम और अन्य लोग उन्हें दुर्ग स्थित रेलवे पुलिस थाना ले गए और वहां उनसे छेड़छाड़ की और उन्हें दुष्कर्म की धमकी दी।
पीड़िय युवतियों ने आरोप लगाया कि इस दौरान बजरंग दल के पदाधिकारियों ने उन्हें जातिसूचक गाली भी दी।
युवतियों ने कहा कि वह अपनी मर्जी से और परिजनों की सहमति से काम करने के लिए आगरा जा रही थीं।
कचलाम ने बताया कि घटना के बाद युवतियां नारायणपुर अपने घर आ गई थीं और बाद में घटना की शिकायत उन्होंने नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक से और अनुसूचित जाति, जनजाति विशेष थाने में की लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं हुई।
इसके बाद पीड़ित युवतियों ने इसकी शिकायत महिला आयोग में की।
अधिवक्ता ने बताया कि जीआरपी थाने में लगे सीसीटीवी फुटेज (25 जुलाई की) को भी आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
उन्होंने बताया कि आयोग ने जीआरपी थाना प्रभारी समेत दो थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
वहीं बजरंग दल की कार्यकर्ता ज्योति शर्मा ने घटना से इनकार किया और कहा कि उन्हें महिला आयोग में उपस्थित होने के संबंध में कोई भी पत्र नहीं मिला है।
शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि घटना के दिन वह अन्य कार्यकर्ताओं के साथ जीआरपी थाने में मौजूद थी और इस दौरान किसी भी कार्यकर्ता ने युवतियों के साथ बदतमीजी नहीं की।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में जीआरपी थाने में लगे सीसीटीवी को भी देखा जा सकता है।
शर्मा ने कहा कि उन्हें राज्य महिला आयोग के सामने उपस्थित होने के संबंध में कोई भी पत्र नहीं मिला और अगर कोई पत्र मिलता है तो वह वहां जरूर जाएंगी।
रेलवे पुलिस के मुताबिक, बजरंग दल के स्थानीय पदाधिकारी की शिकायत पर 25 जुलाई को केरल की नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस के साथ नारायणपुर जिले के सुकमन मंडावी को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था।
इस दौरान उनके साथ नारायणपुर की तीन युवतियां थी, जिन्हें बाद में घर भेज दिया गया।
पदाधिकारी ने ननों व मंडावी पर नारायणपुर की तीन लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने और उनकी तस्करी करने का आरोप लगाया था।
भाषा संजीव मनीषा