130वां संविधान संशोधन ‘काला विधेयक’: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री
नोमान पवनेश
- 20 Aug 2025, 10:00 PM
- Updated: 10:00 PM
चेन्नई, 20 अगस्त (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बुधवार को 130वें संविधान संशोधन विधेयक को राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ मामले थोपने और उन्हें पदों से हटाने वाला "काला विधेयक" बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 दिन की गिरफ्तारी का मतलब है बिना किसी मुकदमे या अदालती सजा के निर्वाचित मुख्यमंत्री को हटाना। हालांकि, यह भाजपा का एक फरमान मात्र है। तानाशाही इसी तरह शुरू होती है; "वोट चुराओ, विरोधियों को चुप कराओ और राज्यों को कुचलो।"
सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट में, मुख्यमंत्री ने कहा, "130वां संविधान संशोधन कोई सुधार नहीं है - यह एक काला दिन है और यह एक काला विधेयक है। मैं इस विधेयक की कड़ी निंदा करता हूं, जो लोकतंत्र की जड़ों पर प्रहार करता है, और मैं सभी लोकतांत्रिक ताकतों से भारत को तानाशाही में बदलने के इस प्रयास के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान करता हूं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने प्रधानमंत्री के तहत भारत को तानाशाही में बदलकर संविधान और इसकी लोकतांत्रिक नींव को अपवित्र करने का फैसला किया है।
स्टालिन ने आरोप लगाया कि "वोट चोरी के खुलासे" के बाद, जिस जनादेश के आधार पर केंद्र में भाजपा सरकार बनी है, वही गंभीर सवालों के घेरे में है।
द्रमुक प्रमुख ने कहा, “ इसकी (सरकार की) वैधता संदिग्ध है। धोखाधड़ी से जनादेश चुराने के बाद, भाजपा अब इस खुलासे से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश में है। इसके लिए, वे 130वां संविधान संशोधन विधेयक लाए हैं।”
उन्होंने कहा कि यह "असंवैधानिक संशोधन" निश्चित रूप से अदालतों द्वारा रद्द कर दिया जाएगा, क्योंकि दोष का निर्णय केवल मुकदमे के बाद ही किया जाता है, न कि केवल मामला दर्ज होने से।
स्टालिन ने कहा कि यह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में क्षेत्रीय दलों को डराने का एक भयावह प्रयास है, जिनके नेता विभिन्न राज्यों में मुख्यमंत्री या मंत्री हैं। इसकी मंशा है कि "हमारे साथ रहो वरना..."।
द्रमुक प्रमुख ने कहा, "किसी भी उभरते तानाशाह का पहला कदम अपने प्रतिद्वंद्वियों को गिरफ्तार करने और पद से हटाने की शक्ति खुद को देना होता है। यह विधेयक ठीक यही करने का प्रयास करता है।"
तमिलनाडु में भाजपा नेता के अन्नामलाई ने स्टालिन पर पलटवार करते हुए कहा कि 130वें संविधान संशोधन पर द्रमुक का विरोध कोई आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि ‘इंडिया’ गठबंधन का एकमात्र संविधान भ्रष्टाचार ही है।
स्टालिन को संबोधित करते हुए अन्नामलाई ने कहा कि धन शोधन के आरोपों में गिरफ्तार किए गए मंत्री को बिना विभाग के मंत्री के रूप में बनाए रखने से ज्यादा स्याह या अपमानजनक कुछ नहीं है और उन्होंने द्रमुक शासन को "बेशर्म सरकार" करार दिया।
उन्होंने कहा, “आपकी बेशर्म सरकार ने जेल से रिहा होने के बाद मंत्री थिरु सेंथिल बालाजी को उसी विभाग में बहाल कर दिया जो पहले उनके पास था। बाद में उच्चतम न्यायालय की कड़ी आलोचना के बाद उनसे मंत्रालय छीन लिया गया।”
अन्नामलाई ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के एक अन्य भ्रष्टाचार योद्धा, अरविंद केजरीवाल, भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जाने के बावजूद कई महीनों तक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के विरोध और हंगामे के बीच लोकसभा में बुधवार को ‘संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025’, ‘संघ राज्य क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2025’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025’ पेश किए। बाद में उनके प्रस्ताव पर सदन ने तीनों विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने का निर्णय लिया।
संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 में प्रधानमंत्री, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को गंभीर अपराध के आरोपों में पद से हटाने का प्रावधान है।
संयुक्त संसदीय समिति में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य होंगे और यह समिति अपनी रिपोर्ट अगले संसद सत्र के प्रथम सप्ताह के अंतिम दिन तक पेश करेगी।
भाषा
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