अदालत ने सीबीआई मामले में एमसीडी के पूर्व अभियंता को दोषी ठहराया
देवेंद्र नरेश
- 10 Aug 2025, 10:05 PM
- Updated: 10:05 PM
नयी दिल्ली, 10 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के एक पूर्व सहायक अभियंता को आईपीसी की धारा 217 (किसी व्यक्ति को सजा या संपत्ति जब्त होने से बचाने के इरादे से कानून की अवहेलना करने वाला लोक सेवक) के तहत दोषी ठहराया है।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निशांत गर्ग आरोपी विजय कुमार जैन के खिलाफ आरोपों की सुनवाई कर रहे थे। जैन के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मामला दर्ज किया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, पश्चिमी पंजाबी बाग क्षेत्र में 15 संपत्तियों के मालिकों पर जुलाई 2004 में नगर निकाय द्वारा अनधिकृत निर्माण के लिए मामला दर्ज किया गया था, लेकिन एमसीडी के तत्कालीन सहायक अभियंता जैन ने संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई रोकने के लिए फाइल अपने पास रख लीं।
अदालत ने सात अगस्त के अपने आदेश में कहा, ‘‘यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि आरोपी वी के जैन ने जानबूझकर 15 फाइल को अपने पास रखा जबकि उन्हें पता था कि 12 संपत्तियों के संबंध में तोड़फोड़ नोटिस जारी करने के आदेश पारित किए गए थे और शेष तीन संपत्तियों के लिए आदेश पारित किए गए थे।’’
इसने कहा कि जैन ने इन संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई को रोकने के लिए फाइल अपने पास रखीं जबकि उन्हें 11 अप्रैल, 2005 को दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश की जानकारी थी, जिसमें एमसीडी को संपत्तियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करने और चार महीने के भीतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया था।
अदालत ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष ने आरोपी के अपराध को संदेह से परे साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश किए हैं। तदनुसार, आरोपी को आईपीसी की धारा 217 के तहत अपराध करने के लिए दोषी ठहराया जाता है और उक्त अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है।’’
मामले की सुनवाई सोमवार को सजा पर बहस के लिए निर्धारित की गई है।
मजिस्ट्रेट ने कहा कि जैन के साथ-साथ एमसीडी के अन्य अधिकारियों और 15 संपत्ति मालिकों को भी प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है।
सीबीआई ने जैन और अन्य के खिलाफ लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार से संबंधित पीसी अधिनियम के प्रावधानों और आपराधिक साजिश के दंडात्मक प्रावधान के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
अदालत ने हालांकि जुलाई 2018 में जैन के खिलाफ आईपीसी की धारा 217 के तहत आरोप तय कर दिए थे।
भाषा
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