छत्तीसगढ़: यूडीएफ प्रतिनिधिमंडल ने ननों की गिरफ्तारी के मामले पर मुख्यमंत्री से मुलाकात की
संजीव जितेंद्र
- 29 Jul 2025, 11:23 PM
- Updated: 11:23 PM
रायपुर, 29 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में कथित तौर पर मानव तस्करी और जबरन धर्म परिवर्तन कराने के लिए दो ननों की गिरफ्तारी से जुड़े मामले को लेकर केरल के संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के सांसदों और ओडिशा से कांग्रेस के एक सांसद ने मंगलवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को बताया था कि बजरंग दल के एक पदाधिकारी की शिकायत पर नन प्रीति मेरी, वंदना फ्रांसिस और सुकमन मंडावी नाम के एक व्यक्ति को 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था।
शिकायत में गिरफ्तार लोगों पर नारायणपुर की तीन लड़कियों का जबरन धर्मांतरण और उनकी तस्करी करने का आरोप लगाया गया था।
एक बयान के मुताबिक, ओडिशा से कांग्रेस सांसद सप्तगिरि उल्का व सांसद बेनी बेहनन, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एनके प्रेमचंद्रन, कांग्रेस की केरल इकाई के जोसेफ केके फ्रांसिस जॉर्ज, विधायक रोजी एम जॉन ने नवा रायपुर स्थित महानदी भवन में मुख्यमंत्री साय से मुलाकात की।
बयान में बताया गया कि प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से राज्य में हाल ही में धर्मांतरण मामले की जानकारी साझा की।
बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री साय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि मामले की जांच न्यायिक प्रक्रिया के तहत की जा रही है और कानून अपना कार्य कर रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश की बेटियां और नागरिक सुरक्षित व सम्मान पूर्वक जीवन व्यतीत करें।
इससे पहले दिन में प्रतिनिधिमंडल ने दुर्ग केंद्रीय जेल का दौरा कर दोनों कैथोलिक नन से मुलाकात की।
प्रेमचंद्रन ने जेल परिसर के बाहर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए दावा किया कि नन निर्दोष हैं।
उन्होंने कहा, “हमें उन दोनों से मिलने के लिए 12.30 बजे का समय दिया गया था लेकिन केरल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रतिनिधिमंडल के आने के कारण हमें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। भाजपा प्रतिनिधिमंडल के उनसे मिलने के बाद हमें मिलने की अनुमति दी गई। हमने जेल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।”
प्रेमचंद्रन ने बताया कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हस्तक्षेप के बाद यूडीएफ प्रतिनिधिमंडल को अपराह्न दो बजे के बाद जेल में जाने की अनुमति मिली।
उन्होंने कहा, “प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने गिरफ्तार ननों के साथ विस्तृत चर्चा की।”
प्रेमचंद्रन ने कहा, “वे (नन) मासूम हैं। तीन युवतियों (कथित पीड़ितों) को नौकरी के लिए ले जाया जा रहा था और नन उन्हें रेलवे स्टेशन पर लेने आई थीं।”
भाषा संजीव