पहलगाम हमले में मारे गए सभी 26 लोगों को सरकार “शहीद” का दर्जा दे: ऐशन्या द्विवेदी
सं आनन्द नोमान
- 28 Jul 2025, 04:44 PM
- Updated: 04:44 PM
कानपुर (उप्र), 28 जुलाई (भाषा) लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा शुरू होने के बीच पहलगाम आतंकी हमले के शिकार कानपुर के शुभम द्विवेदी की विधवा ऐशन्या द्विवेदी ने हमले में मारे गए सभी 26 लोगों को शहीद का दर्जा देने की मांग की है।
ऐशन्या ने हमले की गंभीरता को कम करके आंकने के लिए नेताओं की आलोचना की।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को फ़ोन पर बताया, "(पहलगाम आतंकी) हमले को तीन महीने हो गए हैं और अब जाकर इस मामले पर संसद में चर्चा हो रही है।"
ऐशन्या ने कहा, “मैंने पूरा दिन इस उम्मीद में बिताया कि आज की चर्चा से 26 शहीदों, उनके परिवारों और उनकी विधवाओं के लिए कुछ ठोस निकलेगा।”
उन्होंने मारे गए लोगों के परिवारों के लिए व्यवस्था स्पष्ट करने की मांग करते हुए कहा,“मैं सिर्फ़ 27-28 साल की हूं, मुझे नहीं पता कि लोग हमसे क्या उम्मीद करते हैं या वे हमसे कैसे आगे बढ़ने की उम्मीद करते हैं। लेकिन मैं एक बात जानती हूं कि मैं इस देश की बेटी हूं, और वह इस धरती के सपूत थे। अगर यह देश सचमुच अपने नागरिकों के साथ खड़ा है, तो यह दिखाने का समय आ गया है।”
ऐशन्या ने कहा कि आतंकवादियों ने किसी की जाति या राजनीतिक दल नहीं पूछा, उन्होंने भारतीयों पर हमला किया।
उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिन्होंने सरकार के इस दावे पर कथित तौर पर सवाल उठाया था कि हमलावर पाकिस्तान से थे।
ऐशन्या ने कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा है कि कुछ लोग, ऐसे असंवेदनशील बयान क्यों दे रहे हैं। क्या वे भूल जाते हैं कि वे पहले भारतीय हैं? यह आतंकवादी हमला किसी की राजनीतिक संबद्धता पूछकर नहीं किया गया था। यह भारतीयों पर-हमारे अपने लोगों पर, इस देश में शांति से रह रहे हिंदुओं पर हमला था।"
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा “ऐसे समय में, हम सभी को—चाहे हमारी पृष्ठभूमि कुछ भी हो—एक राष्ट्र के रूप में एक स्वर में बोलना चाहिए। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। अनावश्यक टिप्पणियां करना, पाकिस्तान का बचाव करना, निराधार सवाल उठाना—मैं सच में नहीं जानती कि ये लोग कहां से आते हैं या क्या सोच रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि शायद उनपर कोई असर नहीं पड़ा है, क्योंकि उनके साथ ऐसा नहीं हुआ, इसलिए वे इतनी लापरवाही से बात कर सकते हैं।
ऐशन्या ने कहा “मुझे जवाब चाहिए। आतंकवाद से लड़ने के लिए हम क्या कर रहे हैं? क्या रणनीतियां अपनाई जा रही हैं? आगे बढ़ते हुए हम क्या कदम उठाएंगे? ये वो सवाल हैं जो आज मेरे लिए सबसे ज़्यादा मायने रखते हैं।”
उन्होंने कहा, “मेरे लिए सबसे बड़ी बात शुभम और आतंकी हमले में मारे गए 25 अन्य लोगों को सम्मान और शहीद का दर्जा देने की मांग है। शुभम सिर्फ़ मरा नहीं, उसने देश के लिए अपनी जान दे दी। शहीद कहलाने के लिए इससे ज़्यादा और क्या चाहिए?"
ऐशन्या ने कहा कि अब तक कोई आधिकारिक आश्वासन, कोई सार्थक राहत और कोई सम्मान नहीं मिला है। उनके मुताबिक, हो सकता है कि सरकार इस दिशा में पहल कर रही हो, लेकिन “हमें कोई जानकारी नहीं है।”
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को एक आतंकी हमले में शुभम समेत 26 लोगों की मौत हो गई। कानपुर निवासी शुभम अपनी शादी के कुछ दिनों बाद ही पत्नी के साथ घूमने गए थे, जहां उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी।
भाषा सं आनन्द