विमानन करियर मार्गदर्शन कार्यक्रम के तहत अब तक 550 छात्रों को दिया गया मार्गदर्शन
मनीषा माधव
- 28 Jul 2025, 04:41 PM
- Updated: 04:41 PM
नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) सरकार ने बताया कि उड्डयन क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले स्कूली छात्रों के लिए शुरू किए गए ‘एविएशन करियर गाइडेंस कार्यक्रम’ (एसीजीपी) के तहत अब तक पांच स्कूलों के करीब 550 छात्रों को मार्गदर्शन दिया गया है।
नागर विमानन मंत्री किन्जरापु राममोहन नायडू ने सोमवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्कूली छात्रों के लिए पायलट जैसे उड्डयन करियर कोचिंग सुविधाएं विकसित करने की घोषणा के अनुरूप, नौ अप्रैल 2025 को ‘एविएशन करियर गाइडेंस कार्यक्रम’ शुरू किया गया था।
नायडू ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य युवा छात्रों में कमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) सहित उड्डयन क्षेत्र के विभिन्न पेशेवर विकल्पों को लेकर जागरूकता पैदा करना है। मंत्रालय इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन्स (एफटीओ) सहित संबंधित हितधारकों के साथ समन्वय कर रहा है।
उन्होंने बताया कि सरकार के तहत आने वाली फइंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी’ (आईजीआरयूए) और राजीव गांधी राष्ट्रीय उड्डयन विश्वविद्यालय (आरजीएनएयू) के माध्यम से भी उड्डयन शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। उनके अनुसार, इन संस्थानों में सरकारी आरक्षण नीति और शुल्क रियायतें लागू होती हैं। आरजीएनएयू में महिलाओं को 10 प्रतिशत ट्यूशन फीस में छूट दी जाती है जबकि आईजीआरयूए में सीपीएल और एएमई पाठ्यक्रमों में आरक्षण और छूट मिलती है।
मंत्री ने बताया कि देश में पायलटों में 15 प्रतिशत महिलाएं हैं।
उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में उड्डयन क्षेत्र में नौकरियों की संभावनाएं हवाई यात्री यातायात में वृद्धि, एयरलाइन बेड़े के विस्तार, हवाईअड्डों के विकास और रख-रखाव, मरम्मत एवं ओवरहॉल जैसे सहायक बुनियादी ढांचे के विस्तार से जुड़ी हुई हैं।
नायडू ने बताया कि ‘एविएशन करियर गाइडेंस कार्यक्रम’ के तहत कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए उड्डयन पेशेवरों द्वारा परामर्श सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें उन्हें उद्योग की समझ, करियर विकल्पों, आवश्यक योग्यताओं और स्व-मूल्यांकन के जरिए उपयुक्त करियर चुनने में मदद दी जाती है।
हालांकि, मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस संबंध में कोई नया प्रस्ताव फिलहाल मंत्रालय के विचाराधीन नहीं है।
भाषा मनीषा