बिरला ने राहुल और अखिलेश से अपने नेताओं को समझाने को कहा
वैभव माधव
- 28 Jul 2025, 01:31 PM
- Updated: 01:31 PM
नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को सदन में एसआईआर के मुद्दे पर नारेबाजी करने और पूर्व सहमति के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू नहीं होने देने के लिए विपक्षी सांसदों को आड़े-हाथों लिया तथा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एवं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम लेते हुए कहा कि वे अपनी पार्टी के नेताओं को समझाएं।
बिरला ने प्रश्नकाल में राहुल गांधी से कहा कि वह अपने दल के नेताओं को समझाएं कि ‘‘जनता ने उन्हें पर्चिंयां फेंकने तथा तख्तियां लाने के लिए नहीं भेजा है।’’
वहीं, उन्होंने एसआईआर के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों के शोर-शराबे के दौरान सपा नेता अखिलेश यादव से कहा कि उन्हें सर्वदलीय बैठक में अपने ऐसे नेताओं को भेजना चाहिए जो निर्णय ले सकें।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर लोकसभा में सोमवार को भी नारेबाजी जारी रखी। विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दो बजे तक स्थगित कर दी गई और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू नहीं हो सकी।
सदन की बैठक प्रारंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, विपक्षी दलों के सदस्य ‘एसआईआर वापस लो’ के नारे लगाने लगे।
बिरला ने कहा, ‘‘क्या आप सदन बाधित करना चाहते हैं, क्या ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा नहीं करना चाहते? आप लोग आए थे और कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी चाहिए...आखिर अब सदन क्यों नहीं चलने दे रहे?’’
उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से कहा, ‘‘माननीय नेता प्रतिपक्ष, आप अपने नेताओं को समझाओ कि इन्हें सदन में पर्चिया फेंकने और तख्तियां लाने के लिए नहीं भेजा गया है।’’
बिरला ने कहा, ‘‘प्रश्नकाल में माननीय सदस्यों को बोलने नहीं दिया जा रहा है। यह तरीका उचित नहीं है...सदन सबका है। यह देश की 140 करोड़ जनता की अभिव्यक्ति की सर्वोच्च संस्था है।’’
दो बार के स्थगन के बाद कार्यवाही एक बजे शुरू हुई तो विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे। वे ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू होने से पहले सदन में एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा के लिए आश्वासन देने की मांग पर अड़े थे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘सभी दलों के नेताओं से बातचीत हुई थी और सबने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू होनी चाहिए। मैंने और सरकार ने इस पर सहमति दी थी। सारे विषयों को सदन में उठाने से उन पर चर्चा नहीं होगी।’’
उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं को सर्वदलीय बैठक में यह बात कहनी चाहिए थी कि ‘‘पहले एसआईआर पर चर्चा होगी, तब हम सदन की कार्यवाही चलने देंगे।’’
बिरला ने सपा अध्यक्ष से कहा, ‘‘अखिलेश जी, आप नेताओं को (सर्वदलीय बैठक में) भेजा करो तो थोड़ा समझाकर भेजा करो। निर्णय करने की क्षमता हो तो सर्वदलीय बैठक में आएं। अगर निर्णय कोई पीछे से कर रहा है और आपकी क्षमता नहीं हो तो उन्हें मत आने दो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सदन चलेगा तो ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के साथ चलेगा।’’
भाषा वैभव