हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर क्षेत्र में भगदड़ मची, आठ श्रद्धालुओं की मौत
सं दीप्ति रंजन
- 28 Jul 2025, 12:19 AM
- Updated: 12:19 AM
हरिद्वार/देहरादून, 27 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर क्षेत्र में रविवार को भगदड़ मच जाने से आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गयी तथा 30 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
धामी ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए और मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की । घटना के बाद धामी ने हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचकर अस्पतालों में घायलों से मुलाकात की तथा उनका हालचाल जाना ।
प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग में सुबह नौ बजे मची भगदड़ में आठ श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गयी तथा 30 अन्य घायल हो गए ।
उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल 13 श्रद्धालुओं को बेहतर उपचार के लिए ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रेफर कर दिया गया जबकि 13 अन्य घायलों का उपचार हरिद्वार जिला चिकित्सालय और मेला अस्पताल में चल रहा है । चार व्यक्ति मामूली रूप से घायल हुए थे जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अपने गंतव्यों के लिए चले गए ।
सुमन ने बताया कि मनसा देवी में हुई घटना की जानकारी के लिए राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि भगदड़ की सूचना मिलते ही हरिद्वार जिला प्रशासन, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), पुलिस, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य आपातकालीन सेवाओं की संयुक्त टीमें तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और बचाव तथा राहत अभियान चलाया ।
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय, गढ़वाल पुलिस महानिरीक्षक राजीव स्वरूप, हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोभाल ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की निगरानी की ।
डोभाल ने बताया कि मंदिर से करीब 100 मीटर नीचे सीढ़ियों के पास अचानक बिजली के करंट की अफवाह फैल गयी और प्रथम दृष्टया इसी वजह से भगदड़ मच गयी। हांलांकि, उन्होंने कहा कि घटना की विस्तृत जांच की जा रही है।
दीक्षित ने बताया कि घटनास्थल पर बिजली के कई तार टूटे मिले हैं जिससे प्रतीत होता है कि भीड़ की वजह से खुद लोगों ने तार पकड़ कर ऊपर चढ़ने की कोशिश की होगी।
हरिद्वार जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, हादसे का शिकार हुए श्रद्धालु उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, हरियाणा, दिल्ली तथा पश्चिम बंगाल के निवासी हैं।
मृतकों की पहचान उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी आरुष (12), बिहार के अररिया के निवासी सकल देव (18), उत्तर प्रदेश के रामपुर निवासी विक्की सैनी (18), रामपुर के ही विशाल सिंह (19) उत्तराखंड के काशीपुर निवासी विपिन सैनी (18), उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के वकील सिंह (43) और उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के दातागंज के रामभरोसे (65) और उनकी पत्नी शांति (60) के रूप में हुई है। ।
सावन का महीना होने की वजह से मनसा देवी मंदिर में इन दिनों भारी भीड़ उमड़ी रही है और जिस समय घटना हुई संकरे सीढ़ी मार्ग से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु लगातार मंदिर की ओर जा रहे थे।
हरिद्वार पुलिस कोतवाली के प्रभारी रितेश शाह ने बताया कि भारी भीड़ को देखते हुए सुबह हादसे से आधा घंटा पहले ही लोगों को सीढ़ियों वाले मार्ग पर जाने से रोक दिया गया था । शाह ने कहा कि अगर ऐसा न किया जाता तो हादसा और बड़ा हो सकता था।
मुख्यमंत्री ने हादसे पर गहरा शोक जताया है । एक सोशल मीडिया पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों को पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए ।
धामी ने हरिद्वार के जिलाधिकारी दीक्षित को घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए। जिलाधिकारी ने हरिद्वार के उपजिलाधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए उन्हें 15 दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है ।
भगदड़ की घटना के कुछ देर बाद मुख्यमंत्री हरिद्वार पहुंचे और अस्पतालों में भर्ती हर घायल से बातचीत कर उसका हालचाल जाना । उन्होंने उनसे हादसे के बारे में भी जानकारी ली। बाद में वह एम्स ऋषिकेश भी गए ।
बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को घायलों का समुचित इलाज कराए जाने के निर्देश दिए हैं ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मृतकों और घायलों के परिजनों को सूचित किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि घायलों और मृतकों के परिजनों को हरिद्वार से उनके गृह नगर तक भेजने की व्यवस्था उत्तराखंड सरकार द्वारा की जाएगी ।
उन्होंने बताया कि उन्होंने आपदा प्रबंधन सचिव को भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था, एवं यात्रा मार्गों की व्यवस्था की गहन समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को मनसा देवी सहित राज्य के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण योजना, सीसीटीवी निगरानी प्रणाली, दिशा संकेतक बोर्ड, पैदल मार्गों पर आपातकालीन निकासी योजना तथा स्थानीय प्रशासनिक समन्वय को और अधिक प्रभावी बनाने को कहा है ।
हादसे के बाद मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था जिसे शाम चार बजे फिर खोल दिया गया ।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘उत्तराखंड के हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर जाने के मार्ग पर भगदड़ मचने के कारण लोगों की मौत से बहुत दुखी हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, मैं उनके प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की सहायता कर रहा है।’’
भाषा सं दीप्ति