स्थायी दिव्यांगता से पीड़ित सीएपीएफ जवानों को वित्तीय पैकेज, उचित वेतन मिलेगा : गृह सचिव
प्रशांत पारुल
- 27 Jul 2025, 05:55 PM
- Updated: 05:55 PM
नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) सीएपीएफ के अधिकारी और जवान जो अभियान के दौरान अपने अंग खो देते हैं या किसी स्थायी दिव्यांगता का शिकार हो जाते हैं, वे सेवा में बने रहेंगे और उन्हें एकमुश्त मूल मौद्रिक पैकेज के अलावा उचित पदोन्नति एवं वेतन मिलेगा। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने रविवार को यह जानकारी दी।
मोहन यहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 87वें स्थापना दिवस के अवसर पर बल के जवानों को संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सीआरपीएफ के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में अधिकारियों की एक समिति गठित की गई है और उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में समिति अपनी सिफारिशों और योजना को लागू करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दे देगी।
अधिकारी ने कहा कि पिछले दशकों में अभियानों के दौरान आईईडी विस्फोट या इसी तरह की अन्य घटनाओं के कारण सैकड़ों सीएपीएफ कर्मी अपने पैर, हाथ या आंखें खो चुके हैं और स्थायी दिव्यांगता का शिकार हो चुके हैं।
अधिकारी ने बताया कि हालांकि ऐसे मामले बहुत कम हैं, जहां किसी जवान या अधिकारी को ऐसी चोटों के कारण सेवा से हटाया गया हो, लेकिन कई जवानों को पदोन्नति नहीं मिलने के कारण परेशानी उठानी पड़ती है, क्योंकि वे संबंधित फिटनेस मानदंडों को पूरा करने में विफल रहते हैं।
उन्होंने कहा कि समिति अपने मानदंडों में ढील देने के लिए काम करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि अंग-भंग या किसी अन्य स्थायी दिव्यांगता से पीड़ित अधिकारियों और जवानों को उनकी पदोन्नति और सुविधाएं मिलें, जो उन्हें अन्यथा मिलतीं।
मोहन ने कहा, “गृह मंत्रालय (एमएचए) ने निर्णय लिया है कि जो जवान और अधिकारी अभियान के दौरान अपने अंग खो देते हैं या शारीरिक रूप से अक्षम हो जाते हैं, उन्हें सेवा से नहीं हटाया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “ऐसे कर्मियों को इन बलों की कुछ चुनी हुई इकाइयों में काम करने के लिए तैनात किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनकी सेवानिवृत्ति तक उनका वेतन और भत्ते जारी रहें।”
मोहन के अनुसार, ऐसे बहादुर कर्मियों का “सम्मान और आदर” सुनिश्चित किया जाएगा तथा वे अपनी सामान्य सेवानिवृत्ति तक सिर ऊंचा करके सेवा दे सकेंगे।
उन्होंने कहा, “हम इस क्षेत्र में विश्व भर में उपलब्ध सर्वोत्तम पद्धतियों को क्रियान्वित करेंगे....जिसमें अंग प्रतिस्थापन सर्जरी भी शामिल है।”
गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि ऐसे कर्मियों को एक “मूलभूत न्यूनतम मौद्रिक पैकेज” भी प्रदान किया जाएगा और मंत्रालय को यह निधि वर्तमान सरकारी योजना या संबंधित सीएपीएफ को आवंटित बजट से मिलेगी।
गृह सचिव ने कहा, “ऐसा हमारे जवानों को यह आश्वासन देने के लिए किया जा रहा है कि जब वे विपरीत परिस्थितियों का सामना करेंगे, तो एक मजबूत गृह मंत्रालय और भारत सरकार उनका साथ देगी।”
मोहन ने सीएपीएफ से “उभरते खतरों” के लिए तैयार रहने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि वे नयी प्रौद्योगिकी को अपनाएं, जो संचालन और खुफिया जानकारी जुटाने में उनकी “सबसे बड़ी मित्र” है।
भाषा प्रशांत