मनसा देवी मंदिर क्षेत्र में मची भगदड़ ने प्रशासन की व्यवस्थाओं पर उठाए सवाल
सं, दीप्ति, रवि कांत
- 27 Jul 2025, 05:49 PM
- Updated: 05:49 PM
हरिद्वार, 27 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के हरिद्वार में शिवालिक पहाड़ियों पर 500 फुट से अधिक ऊंचाई पर स्थित सिद्ध पीठ मां मनसा देवी मंदिर के रास्ते पर रविवार को मची भगदड़ ने प्रशासन की व्यवस्थाओं को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
मंदिर मार्ग पर सुबह मची भगदड़ में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गयी तथा 29 अन्य लोग घायल हो गए।
भगदड़ मचने के बाद लोगों की सहायता के लिए सबसे पहले पहुंचे स्थानीय लोगों का मानना है कि एक तो सावन का महीना और उस पर रविवार का दिन होने के कारण श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में आने की संभावना के बावजूद मंदिर मार्ग पर प्रशासन की ओर से सुरक्षा और भीड़ को नियंत्रित करने के कोई इंतजाम नहीं थे जिसका परिणाम हादसे के रूप में सामने आया।
उन्होंने कहा कि यह मार्ग संकरा है और इसी मार्ग से श्रद्धालु मंदिर की ओर जा रहे थे और इसी से दर्शन करने के बाद वापस लौट भी रहे थे। रविवार तड़के से ही मंदिर में बड़ी संख्या में लोग आ रहे थे और सुबह सात बजे के बाद भीड़ इस कदर बढ़ी कि रास्ते में तिल रखने की भी जगह नहीं बची और लोग एक दूसरे से सट कर आगे खिसक रहे थे। हादसे के वक्त के वायरल हो रहे वीडियो में यह साफ दिखाई दे रहा है।
इसी बीच भीड़ में बिजली का करंट आने की अफवाह फैली तो वहां भगदड़ मच गयी और लोग एक दूसरे पर गिरते चले गए। रास्ता संकरा होने की वजह से लोगों को बचने की कोई जगह नहीं मिली।
कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इसी रास्ते में लगे बिजली के मीटर के पास शॉर्ट सर्किट हुआ और चिंगारी निकली जिससे लोगों में भय फैल गया और उन्होंने भागना शुरू कर दिया। भगदड़ के बाद उस स्थान पर चारों ओर श्रद्धालुओं का सामान, प्रसाद, माता को अर्पित की जाने वाली चुनरियां बिखरी पड़ी हैं जो हादसे की गवाही दे रही हैं।
भगदड़ में घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती बिहार के बडियारपुर निवासी अजय कुमार (19) ने बताया कि वह भीड़ के बीच मंदिर की ओर बढ़ रहे थे कि अचानक ही उनके आगे चल रहे लोग भागना शुरू हो गए और फिर गिरने लगे।
अजय ने कहा, ''मैं भी भीड़ में था, भगदड़ में मैं भी गिर गया और मेरा पैर टूट गया।''
मंदिर में दर्शन के लिए जा रहीं बरेली के शीशगढ़ की रहने वाली 30 वर्षीय निर्मला देवी भी भगदड़ में घायल हो गयीं। हादसे को याद करते हुए निर्मला ने कहा कि मंदिर जा रहे और वहां से आ रहे लोग अचानक ही एक-दूसरे से भिड़ गए और गिरने लगे।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वह ऊपर से लोगों को आते-जाते देख रहे थे कि अचानक से ही वहां लोग गिरने लगे। महेंद्र ने बताया कि उन्होंने देखा कि कई लोग नीचे गिरे हुए थे जो चिल्ला रहे थे और भीड़ उनके ऊपर से गुजर रही थी।
हादसे के बाद मृतकों और घायलों को हरिद्वार जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर बी सिंह ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही अस्पताल में इलाज के प्रबंध शुरू कर दिए गए थे।
उन्होंने बताया कि घायलों को हर संभव उपचार दिया जा रहा है जबकि पांच घायलों की नाजुक स्थिति को देखते हुए उन्हें ऋषिकेश-एम्स भेज दिया गया है।
उधर, हादसे के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी ने कहा कि मंदिर परिसर में सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ थी मगर मंदिर में सभी इंतजाम दुरुस्त थे और किसी श्रद्धालु को कोई दिक्कत नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि मंदिर के रास्ते में कुछ लोग गिर पड़े जिसके बाद भगदड़ मच गयी।
महंत रविंद्र पुरी ने बताया कि फिलहाल मंदिर को श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए बंद कर दिया गया है और मंदिर परिसर को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है।
उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर मंदिर को फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।
भाषा
सं, दीप्ति, रवि कांत