मराठी पर जोर स्वाभाविक, लेकिन अन्य भारतीय भाषाओं का भी सम्मान करें: फडणवीस
धीरज पवनेश
- 24 Jul 2025, 09:23 PM
- Updated: 09:23 PM
नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा)महाराष्ट्र में भाषा विवाद के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को कहा कि भाषा मतभेद का माध्यम नहीं हो सकती और एक मराठी व्यक्ति ऐसे मुद्दों पर कभी भी संकीर्ण सोच वाला नहीं हो सकता।
फडणवीस ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार की नीति मराठी के साथ अन्य भारतीय भाषाओं की रही है, भले महाराष्ट्र में ‘‘हिंदी थोपने’’ के खिलाफ मुंबई के कुछ हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए।
उन्होंने कहा, ‘‘भाषा संवाद का माध्यम है, लेकिन मतभेद का नहीं। मातृभाषा महत्वपूर्ण है। प्रत्येक मराठी व्यक्ति को मराठी भाषा पर गर्व है। मराठी पर जोर देना स्वाभाविक और उचित है, लेकिन हमें अन्य भारतीय भाषाओं का भी सम्मान करना चाहिए।’’
फडणवीस जेएनयू में मराठी भाषा, साहित्य और संस्कृति के लिए कुसुमाग्रज विशेष केंद्र और सुरक्षा एवं सामरिक अध्ययन के लिए श्री छत्रपति शिवाजी महाराज विशेष केंद्र के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहस मराठी बनाम हिंदी नहीं है। मराठी का कोई विकल्प नहीं है। एक मराठी व्यक्ति को मराठी स्वीकार करनी ही होगी। लेकिन हमारी नीति मराठी के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं की भी है। हमें मराठी सीखनी चाहिए और अन्य भाषाएं भी जाननी चाहिए।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं बार-बार कहता हूं कि एक मराठी मानुष कभी संकीर्ण सोच वाला नहीं हो सकता। छत्रपति शिवाजी महाराज ने हमें कभी संकीर्ण सोच रखने की शिक्षा नहीं दी। संत ज्ञानेश्वर ने केवल अपने अनुयायियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना की थी।’’
फडणवीस ने कहा कि जेएनयू परिसर में छत्रपति शिवाजी की एक प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी और कुलपति शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित ने इस संबंध में उनकी सरकार के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में त्रि-भाषा फार्मूला लागू करने के निर्णय के बाद राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उबाठा) ने ‘हिंदी थोपने’ का आरोप लगा विरोध प्रदर्शन किया था।
राज्य सरकार ने बाद में अपना फैसला वापस ले लिया। लेकिन इस मुद्दे के बाद करीब दो दशक से अलग-अलग रहे दोनों ठाकरे बंधु साथ आए।
इससे पहले, फडणवीस को जेएनयू परिसर में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं के एक समूह के विरोध का सामना करना पड़ा।
भाषा धीरज