विदेश नीति पर राहुल के ‘पाकिस्तान की भाषा’ बोलने से देश को नुकसान: रीजीजू
सुभाष प्रशांत
- 16 Jul 2025, 10:05 PM
- Updated: 10:05 PM
नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वह एकजुटता प्रदर्शित करने के बजाय विदेश नीति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना कर देश को गुमराह करने के लिए ‘‘पाकिस्तान की भाषा’’ बोल रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इससे देश को नुकसान होता है।’’ वहीं, एक दिन पहले ही कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार की चीन नीति को लेकर जयशंकर पर निशाना साधा था।
रीजीजू ने कहा कि वह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष को सलाह देंगे कि उन्हें विदेश नीति पर सहयोग के साथ काम करना चाहिए और देश के खिलाफ टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘आप (गांधी) एकजुटता प्रदर्शित करने के बजाय विदेश नीति पर प्रधानमंत्री की आलोचना करते हैं। इससे देश को क्या फायदा होगा...।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी विदेश नीति पर पाकिस्तान की भाषा बोलकर गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
गांधी ने मीडिया में आई एक खबर मंगलवार को टैग किया था, जिसमें एस. जयशंकर द्वारा चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात करने और उन्हें भारत-चीन संबंधों में हालिया घटनाक्रम से अवगत कराने की बात कही गई थी। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि विदेश मंत्री ‘‘भारत की विदेश नीति को नष्ट करने के उद्देश्य से एक पूरा सर्कस चला रहे हैं’’।
गांधी ने कहा था, ‘‘मुझे लगता है कि (अब) चीनी विदेश मंत्री आएंगे और (प्रधानमंत्री) मोदी को चीन-भारत संबंधों में हाल के घटनाक्रमों से अवगत कराएंगे। विदेश मंत्री अब भारत की विदेश नीति को नष्ट करने के उद्देश्य से एक पूरा सर्कस चला रहे हैं।’’
रीजीजू ने कहा कि विपक्ष में होने का मतलब देश की निंदा करना नहीं है। उन्होंने कहा कि घरेलू मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं, जिन पर संसद में चर्चा हो सकती है, लेकिन विदेश नीति पर सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के बीच, विदेश नीति पर मतभेद नहीं होना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि भाजपा विदेश मामलों पर कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों पर हमला नहीं करेगी।
हालांकि, रीजीजू ने उन मुद्दों की सूची बताने से इनकार कर दिया, जिन पर सरकार संसद में चर्चा के लिए सहमत हो सकती है और कहा कि वह संसद के बाहर उन पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और गांधी के साथ उनकी ‘‘सार्थक बैठक’’ हुई तथा कहा कि वह विभिन्न विपक्षी नेताओं से मिलते रहते हैं क्योंकि संसदीय कार्य मंत्री के रूप में उनके साथ समन्वय करना उनका काम है।
रीजीजू ने कहा, ‘‘हम चर्चा के माध्यम से विभिन्न मुद्दों का समाधान कर सकते हैं। हंगामा करने से कुछ हासिल नहीं होगा।’’
उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है, जब इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामेदार रहने की संभावना है और विपक्षी दल के पास सरकार पर हमला करने के लिए कई मुद्दे होंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने भी चीन मुद्दे से निपटने के सरकार के तरीके पर गांधी के कटाक्ष को लेकर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें विदेश नीति के बारे में कुछ भी नहीं पता, लेकिन वह सवाल उठाते रहते हैं।
आलोक ने कहा, ‘‘हमारे विदेश मंत्री शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए चीन जाते हैं और अगर वह अपने चीनी समकक्ष और देश के राष्ट्रपति से नहीं मिलते, तो किससे मिलेंगे? क्या इटली की प्रधानमंत्री से मिलेंगे?’’
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