छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाले में छह गिरफ्तार
संजीव सिम्मी
- 16 Jul 2025, 09:42 PM
- Updated: 09:42 PM
रायपुर, 16 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने रायपुर जिले में 2020-24 के बीच भारतमाला सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे के वितरण में कथित धोखाधड़ी के आरोप में बुधवार को दो लोक सेवकों सहित छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि भारतमाला परियोजना रायपुर-विशाखापट्टनम प्रस्तावित आर्थिक गलियारे के भू-अर्जन प्रकरण में शासन द्वारा अर्जित भूमि को पुनः शासन को बेचकर मुआवजा देने, भूमि स्वामी के बदले किसी अन्य को मुआवजा देने तथा निजी भूमि के गलत मुआवजे और उसके टुकड़े कर उपखंडों में विभाजित कर मुआवजा राशि हड़प कर धोखाधड़ी कर करोड़ों रूपये की आर्थिक हानि करने के मामले में ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज किया है।
उन्होंने बताया कि ईओडब्ल्यू ने इस मामले में जल संसाधन विभाग में अमीन के पद पर पदस्थ गोपाल राम वर्मा (सेवानिवृत्त) और नरेंद्र कुमार नायक तथा चार अन्य व्यक्तियों खेमराज कोसले, पुनुराम देशलहरे, भोजराम साहू और कुंदन बघेल को गिरफ्तार कर विशेष अदातल में पेश किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि विशेष अदालत ने कोसले, देशलहरे, साहू और बघेल को 18 जुलाई तक ईओडब्ल्यू की हिरासत में भेज दिया तथा लोकसेवकों को 23 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग के दो अधिकारियों द्वारा पूर्व में अधिग्रहीत की गई भूमि के बारे में गलत रिपोर्ट पेश की गई थी तथा चार अन्य व्यक्तियों द्वारा राजस्व विभाग के फरार अधिकारियों के साथ मिलकर खाता विभाजन (बटांकन) प्रकिया और अन्य राजस्व प्रक्रियाओं में फर्जीवाड़ा किया गया था तथा किसानों से उसके एवज में भारी मात्रा में कमीशन लिया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले में आगे की जांच जारी है।
उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में अब तक राज्य शासन द्वारा पांच गावों की जमीन के संबंध में दी गई रिपोर्ट के आधार पर यह पाया गया कि गलत और अधिक मुआवजा राशि प्रदान करने के कारण शासन को 48 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक हानि हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि बहुत से अधिग्रहीत गांवों की जमीनों के संबंध में शासन से रिपोर्ट प्राप्त होना शेष है, जिसके कारण शासन को हुई आर्थिक क्षति की राशि और भी बढ़ने की संभावना है।
भाषा संजीव