केंद्र सरकार एचएमटी की जमीन बेचकर बेंगलुरु के पारिस्थितिकी तंत्र, पर्यावरण को नष्ट कर रही: सुरजेवाला
देवेंद्र सुभाष
- 16 Jul 2025, 06:38 PM
- Updated: 06:38 PM
बेंगलुरु, 16 जुलाई (भाषा) अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव एवं पार्टी के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को मोदी सरकार और भाजपा-जद(एस) पर बेंगलुरु के पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यावरण को नष्ट करने का आरोप लगाया तथा दावा किया कि कांग्रेस सरकार कब्बन पार्क जैसा जैव-विविधता उद्यान चाहती है, जबकि विपक्ष ‘‘रियल एस्टेट विकास’’ चाहता है।
इससे पहले दिन में, सुरजेवाला ने कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खांड्रे से मुलाकात की और एचएमटी (हिंदुस्तान मशीन टूल्स) के कब्जे वाली वन भूमि की सुरक्षा के लिए विभाग के प्रयासों की सराहना की।
मंत्री के अनुसार, बैठक के दौरान उन्होंने एचएमटी के कब्जे वाली भूमि पर चर्चा की और बताया कि किस प्रकार केंद्र सरकार की नीति के कारण लगभग 160 एकड़ वन भूमि निजी रियल एस्टेट कंपनियों समेत विभिन्न संस्थाओं को बेची जा चुकी है।
सुरजेवाला ने बाद में, सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बेंगलुरु पर ‘‘कंक्रीट हीट ट्रैप’’ शीर्षक से एक खबर साझा की और याद दिलाया कि आज वन मंत्री खांड्रे के साथ बैठक में ‘‘चौंकाने वाले तथ्य सामने आए कि कैसे (नरेन्द्र) मोदी सरकार और भाजपा-जनता दल (सेक्युलर) बेंगलुरु के पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यावरण को नष्ट कर रहे हैं।’’
उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा कि 1960 के दशक में कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु के मध्य में गोरगुंटेपाल्या में एचएमटी को एक कारखाने के लिए 443 एकड़ जमीन आवंटित की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह कारखाना पिछले 15 वर्षों से बंद है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री कुमारस्वामी हैं। उन्होंने पहले ही 160 एकड़ जमीन बेच दी थी। शेष 280 एकड़ जमीन पर, कर्नाटक सरकार और वन विभाग कब्बन पार्क की तरह एक ‘‘जैव-विविधता उद्यान’’ बनाना चाहते हैं, जो बेंगलुरु को ताजी हवा उपलब्ध करने वाला दूसरा सहारा होगा।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार और कुमारस्वामी (भाजपा-जद (एस) गठजोड़) इस 280 एकड़ जमीन को ‘‘रियल एस्टेट विकास’’ के लिए बेचना चाहते हैं।
उन्होंने पोस्ट में दावा किया, ‘‘कर्नाटक सरकार और मोदी सरकार उच्चतम न्यायालय में लड़ रही हैं और मामला अब जुलाई के लिए सूचीबद्ध है। राज्य की कांग्रेस सरकार कब्बन पार्क की तरह जैव-विविधता उद्यान चाहती है, जबकि भाजपा-जद (एस) रियल एस्टेट विकास चाहते हैं।’’
उन्होंने सवाल किया कि मोदी सरकार और केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी बेंगलुरु के मध्य में जैव-विविधता उद्यान बनाने में बाधा क्यों डाल रहे हैं और इसका विरोध क्यों कर रहे हैं।
उन्होंने पूछा, ‘‘क्या भाजपा-जद (एस) के लिए रियल एस्टेट से पैसा कमाना बेंगलुरु के लोगों के लिए हरित क्षेत्र और ताजी हवा से अधिक महत्वपूर्ण है? जब 1960 के दशक में कारखाने के लिए जमीन दी गई थी और एचएमटी वर्षों पहले बंद हो चुकी है, तो यह जमीन कर्नाटक के लोगों को जैव-विविधता उद्यान के लिए क्यों नहीं वापस की जानी चाहिए?’’
भाषा
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