उत्तर प्रदेश: दहेज के लिए हत्या के मामले में बेटे की गवाही से पिता को हुई उम्र कैद
सं. सलीम जितेंद्र
- 16 Jul 2025, 05:47 PM
- Updated: 05:47 PM
अलीगढ़, 16 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की एक स्थानीय अदालत ने दहेज के लिए हत्या के मामले में चार वर्षीय बेटे की गवाही पर पिता को उम्र कैद की सजा सुनायी।
अपर जिला न्यायाधीश संजय यादव ने 14 जुलाई को एक आदेश में अखिलेश को पत्नी सावित्री की हत्या का दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनायी थी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, 10 फरवरी 2022 को गभाना थानाक्षेत्र के नगला बंजारा गांव में सावित्री नाम की महिला की दहेज में मोटरसाइकिल नहीं लाने पर उसके पति अखिलेश ने गला दबाकर हत्या कर दी थी।
अभियोजन पक्ष ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटे जाने से महिला की मौत की पुष्टि हुई, जिसके बाद सावित्री के परिजन ने उसके पति अखिलेश पर हत्या का आरोप लगाया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, मृतका के भाई राम अवतार और मां लीलावती अदालत में गवाही के दौरान अपने पूर्व में दिये बयानों से पलट गये थे और बताया कि घटना के वक्त अखिलेश गांव में नहीं था।
अभियोजन पक्ष ने बताया कि अखिलेश के चार साल के बेटे अतुल ने बाद में अदालत में गवाही देते हुए बताया कि उसकी मां सावित्री की मौत के दिन उसका पिता अखिलेश घर में मौजूद था।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, बच्चे ने अदालत को बताया, “मैं झूठ नहीं बोलूंगा क्योंकि मुझे सब कुछ अच्छी तरह याद है।”
न्यायाधीश ने इस मामले को महत्वपूर्ण बताते हुए चार साल के बच्चे अतुल की ‘सुसंगत’ गवाही का हवाला दिया।
अदालत ने कहा कि मृतका की मां लीलावती और भाई राम अवतार सहित अन्य सभी गवाह अपने बयानों से मुकर गए लेकिन फोरेंसिक साक्ष्य और अतुल का बयान समय व मौत के कारण के संदर्भ से बिल्कुल मेल खाता है।
अदालत ने कहा, “पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की संभावना को खारिज कर दिया गया और गला घोंटे जाने को मौत का कारण बताया गया, जो आरोपी के दावों का सीधे तौर पर खंडन करता है।”
न्यायाधीश ने कहा कि गवाहों के व्यापक रूप से मुकरने के बावजूद फोरेंसिक व मेडिकल साक्ष्य अतुल की ‘सच्ची और अटल’ गवाही से पुष्ट होते हैं और ऐसे में आरोपी के अपराध के बारे में कोई संदेह नहीं होता।
भाषा सं. सलीम