इमरान खान की पार्टी ने प्रत्यर्पण संबंधी टिप्पणी को लेकर बिलावल भुट्टो जरदारी की आलोचना की
देवेंद्र दिलीप
- 06 Jul 2025, 10:40 PM
- Updated: 10:40 PM
(एम जुल्करनैन)
लाहौर/इस्लामाबाद, छह जुलाई (भाषा) पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को राजनीति में अपरिपक्व बताते हुए उनकी उस बयान के लिए आलोचना की है, जिसमें पीपीपी नेता (बिलावल) ने कहा था कि ‘जांच के दायरे में आए व्यक्तियों’ को भारत को प्रत्यर्पित करने में पाकिस्तान को कोई आपत्ति नहीं है।
‘डॉन’ समाचार पत्र की एक खबर के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी ‘पीटीआई’ के प्रवक्ता शेख वकास अकरम ने बिलावल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शनिवार को एक बयान में कहा कि पीपीपी नेता बिलावल राजनीति में अपरिपक्व हैं।
बिलावल ने शुक्रवार को कहा था कि उनके देश को विश्वास बहाली के उपाय के रूप में ‘जांच के दायरे में आए व्यक्तियों’ को भारत को प्रत्यर्पित करने में कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते नयी दिल्ली इस प्रक्रिया में सहयोग करने की इच्छा दिखाए।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल ने ‘अल जजीरा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा था, ‘‘हम जिन मुद्दों पर चर्चा करते हैं, आतंकवाद उनमें से एक है और मुझे यकीन है कि पाकिस्तान एक व्यापक वार्ता के तौर पर इनमें से किसी भी चीज का विरोध नहीं करेगा।’’
लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) सरगना हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) सरगना मसूद अजहर को संभावित समझौते और सद्भावनापूर्ण रुख के तहत भारत को प्रत्यर्पित करने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए बिलावल ने यह टिप्पणी की थी।
राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद दोनों को पाकिस्तान ने प्रतिबंधित कर रखा है, जबकि 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मुख्य षड्यंत्रकारी हाफिज सईद वर्तमान में आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए 33 साल की सजा काट रहा है। इसी तरह संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित अजहर को भी प्राधिकरण ने प्रतिबंधित कर रखा है।
अकरम ने कहा कि बिलावल का प्रस्ताव गलत है और पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है तथा ऐसे बयान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश को अपमानित करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि बिलावल भारत को खुश करने के लिए इतने उत्सुक क्यों हैं।’’
अकरम ने कहा कि पूर्व विदेश मंत्री बार-बार साबित कर रहे हैं कि उनमें राजनीतिक परिपक्वता और दूरदर्शिता का अभाव है।
उन्होंने कहा, ‘‘बिलावल पाकिस्तान की विदेश नीति में भ्रम और विरोधाभास का प्रतीक बन गए हैं... पीपीपी की स्थापना जुल्फिकार अली भुट्टो ने कश्मीर की विरासत पर की थी, लेकिन आज बिलावल कश्मीरी खून की कीमत पर राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए उस विरासत को धोखा दे रहे हैं।’’
बिलावल ने साक्षात्कार में कहा था कि इन ‘‘व्यक्तियों’’ (सईद और अजहर) के खिलाफ मुकदमे वाले मामले पाकिस्तान से संबंधित थे, जैसे कि आतंकवादी गतिविधियों का वित्तपोषण। हालांकि, उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद के लिए उन पर मुकदमा चलाना मुश्किल था, क्योंकि दिल्ली की ओर से बुनियादी चीजों का ‘अनुपालन’ नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत कुछ बुनियादी चीजों का पालन करने से इनकार कर रहा है, जिसकी दोषसिद्धि के लिए आवश्यकता होती है। यह महत्वपूर्ण है... इन अदालतों में सबूत पेश करना, भारत से लोगों का गवाही देने के लिए आना, जो भी जवाबी आरोप लगेंगे, उन्हें सहन करना।’’
इस बीच, हाफिज सईद के बेटे ने भी बिलावल की टिप्पणी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बिलावल भुट्टो को पाकिस्तानियों के प्रत्यर्पण के बारे में बात नहीं करनी चाहिए थी। उनका बयान देश की नीति, राष्ट्र हित और संप्रभुता के खिलाफ है और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।’’
हाफिज सईद के बेटे हाफिज तल्हा सईद ने रविवार को लाहौर में एक बयान में कहा, ‘‘बिलावल भुट्टो या तो जमीनी हकीकत को नहीं जानते या दुश्मन के विमर्श को बढ़ावा दे रहे हैं।’’
उन्होंने सवाल किया कि क्या देश का कोई प्रतिनिधि अपने नागरिकों को दुश्मन देश को सौंपने की बात कर सकता है?
तल्हा ने अपने पिता का बचाव करते हुए कहा कि सईद का कोई भी कदम पाकिस्तान के खिलाफ नहीं है।
सईद 2019 से लाहौर की कोट लखपत जेल में है। सईद को आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण मामलों में दोषी ठहराया गया था। उसका आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे।
भाषा
देवेंद्र