मराठी को लेकर हिंसा का सहारा लेना अस्वीकार्य, आप इस बारे में हठी नहीं हो सकते: फडणवीस
सुभाष नरेश
- 04 Jul 2025, 07:21 PM
- Updated: 07:21 PM
(फाइल फोटो के साथ)
मुंबई, चार जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में लोगों से मराठी बोलने की अपेक्षा करना गलत नहीं है, लेकिन इसके लिए हिंसा का सहारा लेना अस्वीकार्य है और इस बारे में कोई भी ‘‘हठी’’ नहीं हो सकता।
उन्होंने इस मुद्दे पर कानून को अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी।
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी हाल में हुई एक घटना के जवाब में आई है, जिसमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने ठाणे जिले के भयंदर में एक ‘फूड स्टॉल’ मालिक पर मराठी न बोलने के कारण हमला किया था। इसके अलावा, मुंबई में एक व्यवसायी ने बयान जारी कर कहा था कि वह कई वर्षों से शहर में रहने के बावजूद मराठी नहीं बोलेगा।
फडणवीस ने यहां विधानभवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप महाराष्ट्र में लोगों से मराठी बोलने के लिए कह सकते हैं, लेकिन आप मराठी को लेकर हठी नहीं हो सकते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मराठी लोगों में अन्य भाषाओं के प्रति इतनी नफरत नहीं हो सकती।’’
भाषाई श्रेष्ठता के प्रति आगाह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं भी मराठी हूं। अन्य राज्यों में भी मराठी लोग काम कर रहे हैं। अगर वहां भी उनके साथ ऐसा ही व्यवहार होता है तो यह उचित नहीं होगा। जो कोई भी कानून अपने हाथ में लेगा, उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।’’
उन्होंने भाषाओं को लेकर चुनिंदा तरीके से आक्रोश व्यक्त किये जाने की आलोचना की और कहा, ‘‘मुझे कभी-कभी आश्चर्य होता है कि ये लोग अंग्रेजी को कैसे अपना लेते हैं, लेकिन हिंदी को लेकर विवाद पैदा करते हैं। यह किस तरह की सोच है?’’
भाषा के रचनात्मक प्रचार-प्रसार का आह्वान करते हुए फडणवीस ने कहा, ‘‘यदि आपको मराठी पर सचमुच गर्व है, तो मराठी बोलें। दूसरों को मराठी बोलने के लिए प्रोत्साहित करें। मराठी पढ़ाने के लिए कक्षाएं शुरू करें। आप अपने बच्चों को उन स्कूलों में क्यों भेजते हैं, जहां मराठी को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाता है? उन्हें मराठी माध्यम वाले स्कूलों में भेजें।’’
उनके अनुसार, पुलिस ने मनसे के उन कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की है, जिन्होंने ठाणे में उस व्यापारी के साथ मारपीट की थी, जो मराठी में बात नहीं कर सकता था।
महाराष्ट्र के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक हिंदी भाषा की पढ़ाई शुरू करने के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच त्रिभाषा नीति के कार्यान्वयन से जुड़े दो शासकीय प्रस्तावों (जीआर) को वापस लेने के बारे में फडणवीस ने कहा कि विपक्ष अवसरवादी हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पार्टियां इसे रद्द किये जाने से बहुत खुश हैं, लेकिन लोगों को पता है कि जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तो यह उनकी सरकार थी जिसने एनईपी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) को स्वीकार किया, एक समिति बनाई और उन फैसलों को लागू किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अब एक समिति गठित की है जो सभी पहलुओं पर गौर करेगी। हमारे छात्रों के लिए जो भी अच्छा होगा, समिति उसकी सिफारिश करेगी और हम उसे लागू करेंगे।’’
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा पुणे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘‘जय गुजरात’’ का नारा लगाए जाने पर फडणवीस ने अपने सहयोगी का बचाव किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वह गुजराती समुदाय के एक कार्यक्रम में इसलिए शामिल हुए थे कि उन्हें वहां आमंत्रित किया गया था। उनका बयान समुदाय के संदर्भ में था। इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें महाराष्ट्र से ज्यादा गुजरात से प्यार है।’’
प्रस्तावित नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भूमि से जुड़े अधिकतर मुद्दे सुलझा लिए गए हैं। सांगली में कुछ किसानों ने आपत्ति जताई है। हम कोल्हापुर में इसके पुनर्निर्धारण पर विचार कर रहे हैं। इस परियोजना का विरोध अब पूरी तरह से राजनीतिक है।’’
भाषा सुभाष