स्कूलों में ज़ुम्बा को लेकर केरल सरकार अडिग, आलोचना को किया खारिज
योगेश रंजन
- 29 Jun 2025, 07:18 PM
- Updated: 07:18 PM
तिरुवनंतपुरम, 29 जून (भाषा) केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने रविवार को स्कूलों में जुम्बा शुरू करने के राज्य के फैसले का दृढ़ता से बचाव किया और कुछ मुस्लिम धार्मिक संगठनों की आलोचना को खारिज करते हुए चेतावनी दी कि शैक्षणिक गतिविधियों को सांप्रदायिक रंग देना स्वीकार्य नहीं होगा।
शिवनकुट्टी ने संवाददाताओं से कहा, "जुम्बा एक राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त खेल है, जिसमें देश भर से लाखों लोग भाग लेते हैं।"
कार्यक्रम के खिलाफ कुछ धार्मिक समूहों की आलोचना का उल्लेख करते हुए मंत्री ने आरोप लगाया कि खेल में भाग लेने वाले सभी लोगों को अपमानजनक टिप्पणियों से अपमानित किया गया है।
शिवनकुट्टी ने कहा, "जिन लोगों ने ऐसी टिप्पणियां की हैं, उन्हें अपनी टिप्पणियां वापस लेनी चाहिए और सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।"
उन्होंने कुछ धार्मिक समूहों द्वारा स्कूल पाठ्यक्रम में जुम्बा को शामिल करने का बढ़ते विरोध के बीच मीडिया द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते समय यह बयान दिया।
मादक पदार्थों के खिलाफ जागरूकता अभियान के तहत शुरू किए गए इस कार्यक्रम को सभी राजनीतिक दलों से समर्थन और आलोचना दोनों मिल रही है।
शिवनकुट्टी ने रविवार को राज्य सचिवालय के सामने कार्यक्रम के समर्थकों द्वारा आयोजित जुम्बा प्रदर्शन में भाग लेकर इस मामले पर वाम सरकार की स्थिति स्पष्ट कर दी।
उनकी उपस्थिति से यह कड़ा संदेश गया कि सरकार अपना निर्णय नहीं बदलेगी।
उन्होंने कहा, "स्कूलों में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित सभी निर्णय निर्वाचित सरकार द्वारा लिए जाते हैं। किसी अन्य को ऐसे आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है।"
हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि कोई संदेह है तो सरकार चर्चा के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, "अगर सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों के बारे में कोई संदेह है तो सरकार चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि, सभी को स्पष्ट रूप से समझ में आने वाले मामलों को सांप्रदायिक रंग देना और इस तरह के बयान देना देश की धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।"
शिवनकुट्टी ने छात्र-छात्राओं की एकसमान पोशाक और सह-शिक्षा आधारित खेलों को लेकर मचे विवाद को भी तूल दिए जाने वाला बताया।
उन्होंने कहा, "स्कूल की पोशाक का निर्णय अभिभावक-शिक्षक संघ (पीटीए) करता है, कोई बाहरी ताकत नहीं।"
उन्होंने यह भी कहा कि खिलाड़ियों के पोशाक का निर्णय मान्यता प्राप्त खेल निकाय और सरकार करती है, कोई भी व्यक्ति अपने मन से यह तय नहीं कर सकता।
जुम्बा कार्यक्रम को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के निर्देश के बाद स्कूलों में शुरू किया गया था।
भाषा योगेश