शाह ने माओवादियों से हथियार छोड़ने, मुख्यधारा में शामिल होने को कहा
आशीष सुभाष
- 29 Jun 2025, 08:36 PM
- Updated: 08:36 PM
(फोटो सहित)
हैदराबाद, 29 जून (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने माओवादियों के साथ किसी भी तरह की बातचीत से इनकार करते हुए रविवार को कहा कि प्रतिबंधित संगठन के कार्यकर्ताओं को हथियार छोड़ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर देना चाहिए और मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए।
तेलंगाना के निजामाबाद में हल्दी बोर्ड के राष्ट्रीय मुख्यालय का उद्घाटन करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सवाल उठा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इसके प्रभाव को समझने के लिए पाकिस्तान की कमजोर हालत देखनी चाहिए।
शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस (केंद्र से) इन लोगों (माओवादियों) से बातचीत करने को कहती है। हमारी सरकार की हथियार रखने वालों से 'बात नहीं करने’ की नीति है। हथियार छोड़ दें, आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा में शामिल हों।’’
उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर में करीब 10,000 लोगों ने हथियार छोड़ दिए और मुख्यधारा में शामिल हो गए। शाह ने कहा कि इन लोगों ने तालुक स्तर से लेकर राज्य विधानसभाओं तक के पदों के लिए हुए चुनावों में भी हिस्सा लिया। इसी तरह पिछले डेढ़ साल में 2,000 से ज़्यादा माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
गृह मंत्री ने कहा, "हथियार छोड़ो और आत्मसमर्पण करो। अगर आप आत्मसमर्पण नहीं करते हैं, तो हमने तय किया है कि 31 मार्च 2026 से पहले इस देश से नक्सलवाद को मिटा दिया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि आदिवासी इलाकों में नक्सली हिंसा में पिछले चार दशकों में 40,000 लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने कहा कि कई आदिवासियों ने अपने अंग या यहां तक कि अपनी जान भी गवां दी।
उन्होंने पूछा कि जो लोग नक्सलवाद के पक्ष में बात करते हैं, वे माओवादी हिंसा में जान गंवाने वाले आदिवासियों और सुरक्षाकर्मियों के परिजनों को क्या जवाब देंगे।
शाह ने कहा कि उन्हें आशंका है कि कांग्रेस देशभर में घूम रहे नक्सलियों को तेलंगाना में पनाह न दे दे। हालांकि, उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में है।
शाह ने मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी से कहा कि उन्हें राज्य को नक्सलियों का अड्डा नहीं बनने देना चाहिए। उन्होंने कहा, "वह (रेड्डी) कुछ भी कर सकते हैं। लेकिन, मैं फिर कहता हूं। हम 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद को खत्म कर देंगे।"
शाह ने कहा कि केंद्र ने पिछले 11 वर्षों के दौरान देश में हुए तीन बड़े आतंकी हमलों का कड़ा जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि उरी आतंकी घटना के बाद ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की गई, जबकि पुलवामा आतंकी हमले के बाद एयर स्ट्राइक की गई। शाह ने कहा कि पहलगाम आतंकी घटना के बाद पाकिस्तान में घुसकर जवाब दिया गया।
शाह ने तंज कसते हुए कहा, "राहुल गांधी आज भी कुछ न कुछ सवाल पूछते रहते हैं। राहुल बाबा, आप किस तरह का सबूत मांग रहे हैं? पाकिस्तान की (बुरी) हालत देखिए, तब आपको समझ में आएगा।"
तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) पर हमला करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने कालेश्वरम परियोजना, धरनी भूमि पोर्टल और अन्य के संबंध में पिछली बीआरएस सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ कानून के अनुसार कोई कार्रवाई नहीं की है।
उन्होंने आरोप लगाया कि तेलंगाना जो कभी "बीआरएस अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव का एटीएम" था, अब "दिल्ली में कांग्रेस का एटीएम" बन गया है।
इससे पहले, हल्दी बोर्ड के मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में शाह ने कहा कि केंद्र ने 2030 तक हल्दी निर्यात में एक अरब अमेरिकी डॉलर हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड पैकिंग, ब्रांडिंग, विपणन और हल्दी के निर्यात पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा कि हल्दी बोर्ड किसानों के लिये लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने, उनके उत्पाद के निर्यात, साथ ही अनुसंधान और विकास के लिए कार्य करेगा।
शाह ने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तेलंगाना में हल्दी बोर्ड स्थापित करने का वादा किया था और इसे पूरा किया गया।
भाषा आशीष