1,350 करोड़ रुपये के विकास कार्य से भाजपा के ‘धन नहीं’ वाले बयान का जवाब मिलेगा: सिद्धरमैया
सुरभि माधव
- 16 Jun 2025, 09:01 PM
- Updated: 09:01 PM
दावणगेरे (कर्नाटक), 16 जून (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को दावणगेरे जिले में 1,350 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर उसके इस आरोप को लेकर निशाना साधा कि राज्य सरकार के पास अपने वादों को पूरा करने के लिए वित्तीय ताकत नहीं है।
बाद में एक सार्वजनिक समारोह में सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘एक ही दिन में हमने 1,350 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का उद्घाटन और आरंभ किया है। अगर हमारे पास पैसा नहीं होता तो क्या यह संभव हो पाता? भाजपा के झूठ का पर्दाफाश हो गया है।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘56 इंच के सीने का क्या फायदा जब उसमें गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए जगह नहीं है? उनका सीना भले ही चौड़ा हो, लेकिन उसमें करुणा नहीं है।’’
सिद्धरमैया ने भाजपा पर जानबूझकर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री से लेकर स्थानीय भाजपा नेताओं तक ने दावा किया कि हमारी गारंटी कभी लागू नहीं होगी। आज, सभी पांच गारंटी लागू हैं। भाजपा मतदाताओं सहित कर्नाटक भर के लोगों को इसका लाभ मिल रहा है।’’
कर्नाटक की राजकोषीय मजबूती पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि राज्य अब सबसे बड़े बजटों में से एक है और जीएसटी (माल एवं सेवाकर) संग्रह के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा, ‘‘इससे साबित होता है कि हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और प्रगति कर रही है।’’
पिछली भाजपा सरकार से सीधी तुलना करते हुए सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘जब वे सत्ता में थे तो लोगों को एक भी मकान नहीं दिया गया था। आज, हमने अकेले दावणगेरे जिले में शहरी कामकाजी वर्ग को 1,892 मकान आवंटित किए हैं।’’
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य जाति, वर्ग या धर्म से परे समाज के सभी वर्गों को सशक्त बनाना है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम डॉ. बी.आर. आंबेडकर द्वारा परिकल्पित आर्थिक और सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध हैं। जब विकास की बात आती है तो हम जाति या पार्टी लाइन नहीं देखते हैं।’’
सिद्धरमैया ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र और कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक को राज्य के वित्त और विकासात्मक प्रगति पर सार्वजनिक बहस के लिए चुनौती दी।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैंने केंद्र के विश्वासघात के बारे में जो कहा वह झूठ है, तो मैं फिर कभी सार्वजनिक मंच पर कदम नहीं रखूंगा।’’
भाषा
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