निर्वाचन आयोग हरियाणा-महाराष्ट्र की मतदाता सूची से जुड़े डेटा कब तक सौंपेगा : राहुल
आशीष दिलीप
- 09 Jun 2025, 08:30 PM
- Updated: 08:30 PM
(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा और महाराष्ट्र की मतदाता सूची से जुड़े डेटा साझा करने संबंधी निर्वाचन आयोग के कथित फैसले की सोमवार को सराहना करते हुए इसे ‘पहला अच्छा कदम’ करार दिया। उन्होंने आयोग से अनुरोध किया कि वह उस तारीख का ऐलान करे, जब डिजिटल और ‘मशीन द्वारा पठनीय’ प्रारूप में डेटा सौंपा जाएगा।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने मीडिया की एक खबर का ‘स्क्रीनशॉट’ साझा किया, जिसमें दावा किया गया है कि निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2009 से 2024 तक हरियाणा और महाराष्ट्र के लिए मतदाता सूची का डेटा साझा करने का रास्ता साफ कर दिया है। इसमें कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने इससे पहले इस साल की शुरुआत में दिल्ली उच्च न्यायालय को इस संबंध में आश्वासन दिया था।
गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची को सौंपने के लिए उठाया गया अच्छा पहला कदम। क्या निर्वाचन आयोग उस तय तिथि की घोषणा करने की कृपा कर सकता है, जब यह डेटा डिजिटल और ‘मशीन द्वारा पठनीय’ प्रारूप में सौंपा जाएगा?’’
महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि मतदाता सूची का संशोधन भागीदारीपूर्ण प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिवर्ष किया जाता है।
पोस्ट में कहा गया, ‘‘इस वार्षिक कवायद के दौरान, मतदाता सूची को कांग्रेस सहित मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ निशुल्क साझा किया जाता है, पहली बार मसौदा चरण में और दूसरी बार इसके अंतिम रूप देने के बाद। इसी तरह की कवायद 2009, 2014, 2019 और 2024 में की गई थी और ऐसी मतदाता सूची की प्रतियां कांग्रेस के साथ-साथ अन्य राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई थीं।’’
पोस्ट में कहा गया कि आम चुनाव से लेकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई मतदाता सूची की पूरी प्रति भी जनता के लिए मुफ्त में डाउनलोड करने के वास्ते वेबसाइट पर उपलब्ध है।
पोस्ट में कहा गया है कि यहां तक कि पहले की मतदाता सूचियों के लिए भी अंतिम रूप दी गई मतदाता सूचियों की एक प्रति जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अपने पास रख ली जाती है।
पोस्ट में कहा गया, ‘‘निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 33 के तहत, कांग्रेस सहित कोई भी व्यक्ति संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी को आवेदन कर सकता है और निर्धारित शुल्क का भुगतान करके ऐसी मतदाता सूची की एक प्रति प्राप्त कर सकता है।’’
पोस्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 22 मई को कांग्रेस के एक सांसद के समक्ष यह वैधानिक रुख दोहराई था, जिन्होंने 2009, 2014, 2019 और 2024 में संशोधन के समय कांग्रेस को पहले से उपलब्ध कराई गई मतदाता सूची की एक प्रति मांगी थी।
पिछले साल के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाने वाले अपने लेख पर राहुल के निर्वाचन आयोग से प्रतिक्रिया मांगने के बाद आयोग के सूत्रों ने रविवार को कहा था कि संवैधानिक निकाय केवल तभी जवाब देगा, जब नेता प्रतिपक्ष सीधे उसे पत्र लिखेंगे।
उन्होंने यह भी कहा था कि संपर्क बढ़ाने के तहत निर्वाचन आयोग ने सभी छह राष्ट्रीय दलों को अलग -अलग बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा था कि पांच दलों के नेता निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मिले, लेकिन कांग्रेस ने 15 मई की बैठक रद्द कर दी थी।
निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने महाराष्ट्र चुनाव में धांधली के राहुल के आरोपों को खारिज कर दिया था। इसके बाद राहुल गांधी ने शनिवार को निर्वाचन आयोग पर दोबारा हमला बोलते हुए कहा था कि चोरी से नहीं, बल्कि सच से इसकी विश्वसनीयता की रक्षा होगी।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित एक लेख में राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव में ‘मैच-फिक्सिंग’ का आरोप लगाया था और दावा किया था कि यही आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में और हर उस जगह होगा, जहां कहीं भी भाजपा हार रही होगी।
भाषा आशीष