भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा : जयशंकर
आशीष पवनेश
- 23 May 2025, 10:32 PM
- Updated: 10:32 PM
(फोटो सहित)
बर्लिन, 23 मई (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहलगाम आतंकी हमले के सीमा पार संबंधों का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और ‘‘परमाणु ब्लैकमेल’’ के आगे कभी नहीं झुकेगा।
जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने यह भी कहा, ‘‘भारत पाकिस्तान के साथ पूरी तरह से द्विपक्षीय तरीके से निपटेगा’’ और इस संबंध में ‘‘किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।’’
विदेश मंत्री जयशंकर वर्तमान में तीन देशों की यूरोप यात्रा के तहत जर्मनी में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया के तुरंत बाद बर्लिन आया। मैं आपको वह बताना चाहता हूं जो मैंने उस संदर्भ में वेडफुल को बताया। भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत पाकिस्तान के साथ पूरी तरह से द्विपक्षीय तरीके से निपटेगा। इस संबंध में किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।’’
सूत्रों ने बताया कि जयशंकर के साथ वार्ता के बाद जर्मनी विदेश मंत्री ने भारत में हुए आतंकवादी हमले की सार्वजनिक रूप से निंदा की तथा आतंकवाद के खिलाफ भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया।
उन्होंने बताया कि वेडफुल ने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समाधान की भी वकालत की।
संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत ‘‘जर्मनी की इस समझ’’ को महत्व देता है कि ‘‘हर देश को आतंकवाद के खिलाफ खुद का बचाव करने का अधिकार है।’’
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद, भारत ने छह मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सटीक हमले करके पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में नौ आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया था। इसके तुरंत बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया।
चार दिनों के टकराव के बाद 10 मई को दोनों पक्षों के बीच सैन्य टकराव रोकने पर सहमति बनी।
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद कूटनीतिक संपर्क स्थापित किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत सीमा पार आतंकवाद के किसी भी कृत्य को भारत के खिलाफ युद्ध मानेगा।
दोनों विदेश मंत्रियों ने भारत और जर्मनी के बीच 25 साल पुरानी रणनीतिक साझेदारी पर भी जोर दिया।
वेडफुल ने कहा कि संबंध अधिक विविध हैं और जर्मनी ‘‘संबंधों को गहरा करना चाहता है’’, वहीं जयशंकर ने कहा कि हाल के वर्षों में, ‘‘कई क्षेत्रों में हमारा सहयोग विस्तारित हुआ है और इसमें गति आई है।’’
विदेश मंत्री ने शुक्रवार को चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ के साथ अपनी बैठक को भी याद करते हुए कहा कि उन्होंने रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने और विस्तार देने पर जोर दिया।
भाषा आशीष