इंडसइंड बैंड के वरिष्ठ प्रबंधन के 'गंभीर उल्लंघन' को देख रहा सेबीः चेयरमैन
प्रेम रमण
- 22 May 2025, 07:46 PM
- Updated: 07:46 PM
नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने बृहस्पतिवार को कहा कि लेखांकन में करीब 3,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में इंडसइंड बैंक के वरिष्ठ प्रबंधन के किसी भी 'गंभीर उल्लंघन' की जांच की जा रही है।
पांडेय ने यहां उद्योग मंडल एसोचैम की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा कि इंडसइंड बैंक से संबंधित मुद्दों से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) निपटेगा, लेकिन सेबी संकटग्रस्त बैंक के अधिकारियों द्वारा प्रतिभूति बाजार उल्लंघनों की भी जांच कर रहा है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख ने कहा, "इस मामले में जो आरबीआई को करना है वह कर रहा है, सेबी अपने अधिकार क्षेत्र में काम कर रहा है...यदि किसी ने अपनी क्षमता में कोई गंभीर उल्लंघन किया है, तो सेबी उसकी जांच कर रहा है।"
बुधवार को इंडसइंड बैंक के निदेशक मंडल ने डेरिवेटिव, सूक्ष्म वित्त और बही-खाते की ‘धोखाधड़ी’ में कुछ कर्मचारियों की संलिप्तता का संदेह जताते हुए मामले की जानकारी जांच एजेंसियों और नियामक प्राधिकरणों को देने का निर्देश प्रबंधन को दिया था।
निजी क्षेत्र के बैंक ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा था कि आंतरिक ऑडिट रिपोर्ट के साथ बाहरी पेशेवर फर्म की समीक्षा के आधार पर निदेशक मंडल को संदेह है कि 'बैंक के खिलाफ धोखाधड़ी की घटना' में बैंक के लेखांकन एवं वित्तीय रिपोर्टिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कुछ कर्मचारी संलिप्त रहे हैं।
बैंक ने मार्च तिमाही और समूचे वित्त वर्ष के वित्त परिणामों को अंतिम रूप देते समय ऑडिट रिपोर्ट में चिह्नित सभी विसंगतियों के प्रभाव को उचित रूप से दर्ज करने के साथ दर्शाया है।
मार्च में बैंक ने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लेखांकन खामियों की सूचना दी थी, जिसका दिसंबर, 2024 तक बैंक की शुद्ध संपत्ति पर लगभग 2.35 प्रतिशत का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का अनुमान है।
इसके बाद, बैंक ने बही-खाते पर प्रभाव, विभिन्न स्तरों पर खामियों का आकलन करने और सुधारात्मक कार्रवाई का सुझाव देने के लिए बाहरी एजेंसी पीडब्ल्यूसी को नियुक्त किया था। एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में 30 जून, 2024 तक नकारात्मक प्रभाव 1,979 करोड़ रुपये आंका है।
मामला गहराने के बाद बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुमंत कठपालिया और डिप्टी सीईओ अरुण खुराना ने 29 अप्रैल को इस्तीफा दे दिया था।
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