यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने रूस के ‘छद्म बेड़ों’ को रोकने के लिये नये प्रतिबंधों को मंजूरी दी
एपी राजकुमार सुरेश
- 20 May 2025, 08:57 PM
- Updated: 08:57 PM
ब्रसेल्स, 20 मई (एपी) यूरोपीय संघ (ईयू) ने मंगलवार को रूस पर नए प्रतिबंध लगाने पर सहमति व्यक्त की है। इन प्रतिबंधों में विशेष रूप से यूक्रेन से युद्ध के दौरान लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों से बचने के लिए अवैध रूप से तेल परिवहन कर रहे रूसी ‘छद्म बेड़े’ के लगभग 200 जहाजों को निशाना बनाया गया।
नए प्रतिबंधों के तहत 27 देशों के इस संगठन ने कुल 189 जहाजों को निशाना बनाया है, कई संपत्तियों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है तथा कई अधिकारियों पर यात्रा प्रतिबंध एवं रूसी कंपनियों पर बंदिशें लगा दी हैं। यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने ब्रसेल्स में इन कदमों पर मुहर लगायी।
यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कालास ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शांति बहाली के प्रति रुचि लेने का दिखावा कर रहे हैं, ऐसे में उन पर और प्रतिबंध लगाने की तैयारी चल रही है। रूस की कार्रवाइयों और रूस को सक्षम बनाने वालों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”
रूस अपने जहाजों के ‘छद्म बेड़े’ का इस्तेमाल तेल और गैस की ढुलाई या चोरी किए गए यूक्रेनी अनाज को ले जाने के लिए करता है।
यूरोपीय संघ ने अब कुल मिलाकर लगभग 350 जहाजों को निशाना बनाया है।
नए कदमों का स्पष्ट रूप से रूस द्वारा युद्ध विराम पर सहमति जताने में की गई देरी से कोई संबंध नहीं है। इन कदमों पर काम तीन महीने पहले अंतिम पैकेज को अंतिम रूप दिए जाने के बाद ही शुरू हो गया था।
यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा है कि इस छद्म बेड़े में लगभग 500 पुराने जहाज शामिल हैं, जिनके स्वामित्व और सुरक्षा पद्धतियों का कोई अता-पता नहीं है। उनका कहना है कि ये जहाज प्रतिबंधों से बच रहे हैं और तेल राजस्व की प्राप्ति में सहयोग कर रहे हैं।
यूरोपीय संघ ने यह भी कहा कि उसने उन लोगों और बीमा उपक्रम समेत कंपनियों को निशाना बनाया है, जो छद्म बेड़े के संचालन को संभव बनाती हैं, फलस्वरूप संयुक्त अरब अमीरात, तुर्किये और हांगकांग को नुकसान पहुंचता है।
समानांतर कार्रवाई के तहत ब्रिटेन ने 100 नये प्रतिबंध लगाते हुए (रूसी) छद्म बेड़े को निशाना बनाया। उसके बारे में उसने कहा कि इसका उद्देश्य क्रेमलिन पर ‘दबाव बढ़ाना’ है।
ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि ये प्रतिबंध रूस की सैन्य, ऊर्जा निर्यात और सूचना युद्ध का समर्थन करने वाली संस्थाओं के साथ-साथ यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को वित्तपोषित करने वाली वित्तीय संस्थाओं पर भी लागू होंगे।
विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा, ‘‘पुतिन के हालिया हमलों ने एक बार फिर युद्धोन्मादी के रूप में उनके असली चेहरे को सामने लाया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम उनसे तुरंत पूर्ण, बिना शर्त युद्धविराम पर सहमत होने की अपील करते हैं ताकि न्यायपूर्ण और स्थायी शांति पर बातचीत हो सके।’’
एपी राजकुमार