टेक्नोपार्क स्थित एआई मंच ने भारत-पाक गतिरोध के दौरान साइबर हमलों को विफल करने का दावा किया
प्रशांत दिलीप
- 20 May 2025, 08:24 PM
- Updated: 08:24 PM
तिरुवनंतपुरम, 20 मई (भाषा) यहां टेक्नोपार्क स्थित प्रमुख साइबर सुरक्षा कंपनी प्रोफेज टेक्नोलॉजीज ने दावा किया है कि उसने पाकिस्तान के साथ हाल में हुए सैन्य टकराव के दौरान भारत के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर किए गए ‘डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस’ (डीडीओएस) हमलों को सफलतापूर्वक निष्प्रभावी कर दिया।
डीडीओएस हमले का मुख्य उद्देश्य किसी वेबसाइट या ऑनलाइन सेवा को बाधित करना होता है, जिससे उसके वैध उपयोगकर्ता उस तक पहुंच न सकें। इसे आम तौर पर साइबर हमला कहा जाता है।
टेक्नोपार्क तिरुवनंतपुरम द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान के अनुसार, प्रमुख क्षेत्रों में तैनात प्रोफेज द्वारा एआई-संचालित वेब एप्लिकेशन और एपीआई प्रोटेक्शन (डब्ल्यूएएपी) मंच ने हवाई अड्डों और वित्तीय संस्थानों जैसे प्रमुख प्रतिष्ठानों को बाधित करने के उद्देश्य से किए गए साइबर हमलों का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पांच से नौ मई के बीच, दुनियाभर में फैले बॉटनेट्स से कई चरणों में डीडीओएस साइबर हमले दर्ज किए गए। इनमें 9 मई को 10 घंटे की अवधि में 8.5 करोड़ तक दुर्भावनापूर्ण अनुरोध किए गए, जो भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने वाले साइबर खतरों में भारी वृद्धि का संकेत देता है।
साइबर संदर्भ में ट्रैफिक वॉल्यूम से मतलब है कि किसी वेबसाइट या नेटवर्क पर किसी विशेष समय में डेटा की मात्रा या डेटा का प्रवाह कितना है।
एनोनसेक, सिलहट गैंग (एसजी) और डायनेट जैसे हैकरों के समूहों ने सार्वजनिक रूप से भारतीय सरकारी सेवाओं को बंद करने के प्रयास की जिम्मेदारी ली।
प्रोफेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और संस्थापक वैशाख टी.आर ने कहा, “इन हमलों के पैमाने और आक्रामकता के बावजूद, कोई डाउनटाइम नहीं हुआ। सभी सिस्टम चालू रहे - जिससे हमलावर जो व्यवधान पैदा करना चाहते थे, वो नहीं कर सके।”
यह पहली बार नहीं था, जब प्रोफेज ने राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे की सुरक्षा की।
अप्रैल 2023 में, छह प्रमुख भारतीय हवाई अड्डों और अस्पतालों पर बड़े पैमाने पर डीडीओएस हमलों को प्रोफेज ने निष्प्रभावी कर दिया, जिससे व्यवधान को कम किया गया और परिचालन को तेजी से बहाल किया गया।
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