एफएसएसएआई ने राज्यों से फलों को पकाने के लिए सिंथेटिक रसायन का इस्तेमाल रोकने को कहा
राजेश राजेश अजय
- 20 May 2025, 05:08 PM
- Updated: 05:08 PM
नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने लोगों के लिए सुरक्षित खाद्य सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों के तहत सभी राज्यों से फलों को पकाने वाले तत्वों (एजेंटों) और सिंथेटिक रसायन लेप (कोटिंग्स) के अवैध उपयोग को रोकने को कहा है।
नियामक ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस बारे में अपनी जांच में तेजी लाने और गैर-अनुमति प्राप्त फलों को पकाने वाले एजेंटों के अवैध उपयोग को रोकने के लिए विशेष प्रवर्तन अभियान चलाने का आग्रह किया है। साथ ही सिंथेटिक रंगों या गैर-अनुमति प्राप्त मोम के साथ फलों को रंगने और कोटिंग करने पर भी रोक लगाई है।’’
सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों और एफएसएसएआई के क्षेत्रीय निदेशकों से अनुरोध किया गया है कि वे फल बाजारों और मंडियों पर कड़ी निगरानी रखें, ताकि कैल्शियम कार्बाइड जैसे एजेंटों का उपयोग करके फलों को पकाने के अवैध उपयोग को रोका जा सके, जिसे आमतौर पर ‘मसाले’ के रूप में जाना जाता है।
प्रवर्तन अभियान के तहत एफएसएसएआई ने सुझाव दिया है कि गोदामों और भंडारण केन्द्रों का निरीक्षण किया जा सकता है, विशेष रूप से उन पर जहां पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड जैसे पदार्थों का उपयोग करने का संदेह है।
इसमें कहा गया, ‘‘परिसर में या फलों के टोकरे के साथ संग्रहीत कैल्शियम कार्बाइड की उपस्थिति को खाद्य व्यवसाय संचालक (एफबीओ) के खिलाफ परिस्थितिजन्य साक्ष्य के रूप में माना जाएगा, जिससे संभावित रूप से खाद्य सुरक्षा और मानक (एफएसएस) अधिनियम 2006 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।’’
खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर प्रतिबंध और रोक) विनियम, 2011 के तहत फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग सख्त वर्जित है।
नियामक ने बताया कि इस पदार्थ के उपयोग से गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा होते हैं और यह मुंह के छाले, गैस्ट्रिक जलन पैदा करने के लिए जाना जाता है और इसमें कैंसरकारी गुण होते हैं।’’
इसके अलावा, एफएसएसएआई ने ऐसे मामलों की भी पहचान की है जहां एफबीओ केले और अन्य फलों को सीधे रसायन में डुबोकर कृत्रिम रूप से पकाने के लिए एथेफॉन घोल का उपयोग कर रहे हैं।
इस संदर्भ में, प्राधिकरण ने ‘‘फलों को कृत्रिम रूप से पकाना - एथिलीन गैस: एक सुरक्षित फल पकाने वाला’’ शीर्षक से एक व्यापक मार्गदर्शन दस्तावेज़ जारी किया है।
दस्तावेज़ में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एथेफ़ोन का उपयोग केवल एथिलीन गैस बनाने के स्रोत के रूप में किया जा सकता है और इसे निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुरूप सख्ती से अमल में लाना चाहिए।
यह एसओपी, जिसमें प्रतिबंध, कक्ष की आवश्यकताएं, हैंडलिंग की स्थिति, एथिलीन गैस के स्रोत, अनुप्रयोग प्रोटोकॉल, उपचार के बाद के संचालन और सुरक्षा दिशानिर्देश शामिल हैं, एथिलीन गैस का उपयोग करके कृत्रिम रूप से फलों को पकाने के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं का विवरण देता है।
इसमें कहा गया, ‘‘एफएसएसएआई सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों से सुरक्षित और पकाने की प्रथाओं के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए इन एसओपी का पालन करने का आग्रह करता है।’’
नियामक ने चेतावनी दी कि इन मानदंडों के किसी भी तरह के उल्लंघन की वजह से सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
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