मलप्पुरम में व्यक्ति को मारने वाले बाघ की कैमरे में हुई पहचान, तलाश तेज: वन विभाग
जितेंद्र नेत्रपाल
- 17 May 2025, 07:48 PM
- Updated: 07:48 PM
मलप्पुरम, 17 मई (भाषा) केरल के मलप्पुरम जिले में दो दिन पहले कालीकावु के पास रबर बागान में काम करने वाले एक श्रमिक की जान लेने वाले बाघ की तस्वीर इलाके में लगे 50 ‘कैमरा ट्रैप’ में से एक में दर्ज होने के बाद शनिवार को उसकी तलाश तेज कर दी गई। वन विभाग ने यह जानकारी दी।
बाघ की तलाश कर रहे वनकर्मियों की टीम के साथ मौजूद वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. अरुण जकारिया ने बताया कि इलाके में लगाए गए ‘कैमरा ट्रैप’ में से एक में बाघ की तस्वीर दर्ज हुई है।
उन्होंने बताया कि वन्यजीव ‘डेटाबेस’ से तस्वीर का मिलान करने पर बाघ की पहचान ‘साइलेंट वैली नेशनल पार्क’ के बाघ के रूप में हुई।
अधिकारी ने यह भी कहा कि नीलांबुर दक्षिण के वर्तमान प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) का तबादला एक ‘‘झटका’’ है, क्योंकि इससे मौजूदा तलाश अभियान प्रभावित होगा।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “वह (डीएफओ) तलाश अभियान का नेतृत्व कर रहे थे। इसलिए, इससे (अभियान) निश्चित रूप से प्रभावित होगा। यह एक झटका है।”
दूसरी ओर, राज्य के वन मंत्री एके ससींद्रन ने सवाल उठाया कि जब स्थानीय निवासियों ने डीएफओ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, तो उनका तबादला करने में क्या गलत है।
मंत्री ने पूछा, “वह (डीएफओ) वहां जनता के आक्रोश का कारण थे। तो क्या उन्हें नहीं हटाया जाना चाहिए?”
राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर नीलांबुर दक्षिण के प्रभागीय वन अधिकारी धनिक लाल को सहायक वन संरक्षक के रूप में तिरुवनंतपुरम स्थानांतरित कर दिया।
सरकारी आदेश के अनुसार, यह कदम मुवत्तुपुझा की एक अदालत में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत धनिक लाल के खिलाफ लंबित अभियोजन स्वीकृति के मद्देनजर लिया गया है।
कांग्रेस विधायक ए पी अनिल कुमार ने अचानक स्थानांतरण पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे बाघ की तलाश के लिए जारी अभियान पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
उन्होंने कहा, “सरकार के पास किसी अधिकारी को स्थानांतरित करने का निर्णय लेने का अधिकार है, लेकिन इसका परिणाम यह नहीं होना चाहिए कि तलाश अभियान नेतृत्व विहीन हो जाए।”
विधायक ने यह कहा कि सरकार इस आदेश के माध्यम से अपनी गलतियों को छुपा नहीं सकती।
धनिक लाल ने पहले बताया था कि बाघ की तलाश के लिए 50 से अधिक कैमरा ट्रैप और थर्मल ड्रोन कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन अभी तक क्षेत्र में बाघ का कोई सुराग नहीं मिला है।
डीएफओ ने एक टीवी चैनल से कहा था, “तलाश अभियान जारी रहेगा। हम गूगल मैप की भी मदद ले रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा था कि कुछ स्थानों पर घनी झाड़ियां हैं, जो बाघ के छिपने के लिए उपयुक्त स्थान हो सकती हैं।
अधिकारी ने कहा, “छिपने की ऐसी जगहों को खत्म करने के लिए हम क्षेत्र के किसान समूहों और पंचायत के साथ चर्चा करेंगे, क्योंकि घनी झाड़ियों को साफ करने के लिए सभी की मदद की आवश्यकता होगी।”
उन्होंने कहा कि जब तक बाघ मिल नहीं जाता तब तक वन विभाग तलाश अभियान जारी रखेगा।
कैमरों और ड्रोन के अलावा विभाग ने शुक्रवार से ही बाघ की तलाश के लिए कुमकी हाथियों (प्रशिक्षित हाथी) और 20 वनकर्मियों की तीन टीम को तैनात किया है।
रबर बागान में काम करने के लिए जाते समय बृहस्पतिवार को गफूर (45) पर बाघ ने हमला कर दिया था और उसे जंगल में खींचकर ले गया था। गफूर के साथ उस समय उसका एक दोस्त भी मौजूद था।
भाषा जितेंद्र