संयम बनाये रखने की कोशिश की: मो बोबाट ने आईपीएल निलंबन से पहले के समय पर कहा
आनन्द मोना
- 16 May 2025, 03:03 PM
- Updated: 03:03 PM
बेंगलुरु, 16 मई (भाषा) रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के क्रिकेट निदेशक मो बोबाट ने कहा कि धर्मशाला में खेले गये इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मैच के रद्द होने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के खिलाड़ियों और कर्मचारियों के लिए वह शाम भ्रम, अफवाहों और स्पष्टता की कमी से भरी थी और उन्हें उम्मीद नहीं थी कि यह विवाद इतनी जल्दी सुलझ जाएगा।
आरसीबी के खिलाड़ी अभ्यास सत्र के बाद टीम बस से अपने होटल लौट रहे थे, जब उन्होंने आठ मई को पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के क्रिकेटरों को धर्मशाला स्टेडियम से अंधेरे में बाहर निकलते हुए देखा।
आरसीबी को नौ मई को लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ खेलना था, जिस दिन भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के कारण आईपीएल को एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया था।
इंग्लैंड की पुरुष टीम के पूर्व प्रदर्शन निदेशक बोबाट ने ‘आरसीबी बोल्ड डायरीज’ को बताया, ‘‘हां काफी अस्त-व्यस्त जैसा माहौल था। हम संयमित रहने के साथ बीसीसीआई से यथासंभव अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने और स्पष्टता के साथ संवाद करने का प्रयास कर रहे थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक बहुत ही घटनापूर्ण शाम थी। हमने लखनऊ के खिलाफ मैच से एक दिन पहले अभ्यास किया। खिलाड़ी अभ्यास से होटल जाते समय बस में पंजाब बनाम दिल्ली कैपिटल्स के मैच देख रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा कि ‘फ्लडलाइट्स’ बंद हो गई थीं और खिलाड़ी मैदान से बाहर आ गए थे। हम जब होटल पहुंचे तब हमें वास्तविक स्थिति का आभास हुआ।’’
बोबाट ने कहा कि टीम को अगले दिन ही आईपीएल निलंबन के बारे में पता चला। उन्हें तब लगा था कि लीग को रद्द कर दिया जायेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा शुरुआती विचार यह था कि प्रतियोगिता को कुछ समय के लिए रद्द कर दिया जाएगा। आप इस तरह के संघर्ष की उम्मीद नहीं करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि आरसीबी इस बात को लेकर सचेत था कि भारतीय और विदेशी खिलाड़ी बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सुरक्षित तरीके से अपने घर लौट जाये।
उन्होंने कहा, ‘‘हम खिलाड़ियों को घर भेजना चाहते थे क्योंकि यह वास्तव में उनके लिए ब्रेक लेने का एक अच्छा मौका था। यह भारतीय खिलाड़ियों के लिए और बेहतर विकल्प था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने और एंडी (मुख्य कोच एंडी फ्लावर) ने विदेशी खिलाड़ियों से बातचीत की और उनसे उनके विचार पूछे। ज्यादातर खिलाड़ियों ने कहा कि वे घर लौटना चाहेंगे और स्थिति सामान्य होने पर लौट आयेंगे।’’
उन्होंने कहा कि लीग के दोबारा शुरू होने के बारे में पता चलने के बाद उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों से जल्दी से जल्दी टीम से जुड़ने के बारे में बात की और विदेशी खिलाड़ियों को सुरक्षा, कार्यक्रम और आरसीबी की तरफ से होने वाली मदद के बारे में बताया।’’
भाषा आनन्द