प.बंगाल:तृणमूल कांग्रेस के विधायक तापस साहा का निधन, मुख्यमंत्री ममता ने जताया शोक
नोमान संतोष
- 15 May 2025, 10:40 PM
- Updated: 10:40 PM
कृष्णनगर (पश्चिम बंगाल),15 मई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के विधायक तापस साहा का बृहस्पतिवार सुबह मस्तिष्काघात (ब्रेन हेमरेज) से कोलकाता के एक अस्पताल में निधन हो गया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक जताया है। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
वह 66 वर्ष के थे। उनका नाम पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाले में सामने आया था।
साहा पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के तेहट्टा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थे और वह मंगलवार को अचानक बेसुध हो गए थे जिसके बाद उन्हें ‘ईएम बाईपास’ स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि उपचार के बावजूद उनकी हालत बिगड़ती गई और बृहस्पतिवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से नदिया में पार्टी कार्यकर्ताओं, समर्थकों और निवासियों में शोक की लहर दौड़ गई।
छपरा से पार्टी विधायक एवं वरिष्ठ नेता रुकबानुर रहमान ने कहा कि जिला स्तर के कई नेता कोलकाता पहुंच रहे हैं।
रहमान ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मंगलवार को मस्तिष्काघात के बाद उन्हें भर्ती कराया गया था। आज सुबह उनका निधन हो गया। तापस दा के परिवार और पार्टी के साथ विचार-विमर्श के बाद अंतिम संस्कार के बारे में निर्णय लिया जाएगा।’’
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "मैं नदिया के तेहट्टा से विधायक और हमारे तृणमूल कांग्रेस परिवार के एक महत्वपूर्ण सदस्य श्री तापस साहा के असामयिक निधन से बहुत दुखी हूं। वह मेरे लंबे समय के सहयोगी थे। उनका निधन जिले और बंगाल की राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं उनके परिवार, रिश्तेदारों, दोस्तों और अनगिनत समर्थकों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं।"
बाद में, तृणमूल कांग्रेस के (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने राज्य विधानसभा में साहा को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की।
साहा का नाम स्कूल भर्ती घोटाले से कथित संबंधों को लेकर सामने आया था। अप्रैल 2023 में, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके आवास की तलाशी ली थी और उनसे पूछताछ भी की थी।
सीबीआई ने तब साहा के आवासीय कार्यालय से दस्तावेज जब्त किए थे और साथ ही उनका मोबाइल फोन भी जब्त किया था।
उन्होंने तब इस छापेमारी को पार्टी के भीतर और बाहर उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी द्वारा उन्हें बदनाम करने के लिए रची गई "साजिश" करार दिया था।
साहा तृणमूल कांग्रेस के शुरुआती सदस्यों में से एक थे और उन्हें पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी का करीबी माना जाता था।
तेहट्टा से 2011 में टिकट न मिलने पर उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा, जिसके कारण उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, बाद में उनका निलंबन वापस लिया गया और 2016 में उन्होंने तृणमूल के टिकट पर पलाशीपारा से जीत हासिल की।
उन्हें तेहट्टा से 2021 में चुनाव मैदान में उतारा गया और उन्होंने जीत हासिल की। विधायक के रूप में यह उनका लगातार दूसरा कार्यकाल था।
भाषा नोमान