भारत ने दिखाया कि ‘अहिंसक युद्ध’ कैसे लड़ा जाता है: अग्रवाल
यासिर नरेश
- 15 May 2025, 02:58 PM
- Updated: 02:58 PM
बेंगलुरु, 15 मई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव राधा मोहन दास अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत का प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि दुनिया ने देखा कि पहलगाम में 22 अप्रैल को की गई हत्याओं का बदला लेने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया गया और ये निर्धारित लक्ष्य को लेकर ही चला, जबकि उसके अलावा पाकिस्तान में किसी निर्दोष की जान नहीं गई।
अग्रवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने दुनिया को दिखाया कि युद्ध के दौरान महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत को कैसे लागू किया जाए। यह सबसे अहिंसक युद्ध था। हमने सिर्फ उन लोगों को निशाना बनाया, जिन्हें हम ढेर करना चाहते थे।’’
उन्होंने दावा किया है कि एक भी निर्दोष व्यक्ति की जान नहीं गई।
भाजपा सांसद ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया को युद्ध की नयी बारीकियां सिखाई हैं।
जब उनसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बारे में पूछा गया कि उन्होंने शांति स्थापित की है, तो अग्रवाल ने कहा कि केवल ट्रंप ही जानते हैं कि उन्होंने क्या किया है।
भाजपा महासचिव ने कहा, ‘‘जब कोई ट्रेन रेलवे स्टेशन पर रुकती है, तो कुछ बच्चे उतरते हैं और उसे धक्का देते हैं। जब ट्रेन फिर से चलती है, तो बच्चे चिल्लाते हैं कि उन्होंने ट्रेन को धक्का देकर चलाया। ट्रंप का व्यवहार ‘प्लेटफॉर्म’ पर मौजूद बच्चों की तरह ही बचकाना है। भाजपा ट्रंप के हस्तक्षेप को खारिज करती है।’’
अग्रवाल ने कहा कि ट्रंप भारत के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए समस्या हैं।
अग्रवाल ने याद दिलाया कि मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक ने अपने भारतीय समकक्ष से बात की थी।
उन्होंने दावा किया कि जब भारतीय डीजीएमओ ने कोई जवाब नहीं दिया तो पाकिस्तानी डीजीएमओ ने उन्हें दोबारा फोन किया और युद्ध रोकने के लिए उनसे विनती की तथा कहा कि अब बहुत हो गया।
अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमारी रणनीति पाकिस्तान के लोगों को मारना नहीं थी। हम उन्माद फैलाने वाली हिंसा में विश्वास नहीं करते। हमारा लक्ष्य एक संदेश देना और आतंकवादियों, उनके अड्डों, उनके आतंकी ठिकानों और उन्हें पनाह देने वालों को दंडित करना था। हमने अपने उद्देश्य हासिल कर लिए।’’
भाषा यासिर