नीति आयोग के सदस्य सारस्वत ने संप्रभुता, विकास के लिए रणनीतिक स्वतंत्रता की वकालत की
प्रशांत अविनाश
- 14 May 2025, 10:56 PM
- Updated: 10:56 PM
तिरुवनंतपुरम, 14 मई (भाषा) नीति आयोग के सदस्य वी.के. सारस्वत ने बुधवार को राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा तथा प्रौद्योगिकी नेतृत्व और नवाचार आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में रणनीतिक स्वतंत्रता हासिल करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने यह टिप्पणी सीएसआईआर-राष्ट्रीय अंतरविषयी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआईआर-एनआईआईएसटी) में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए की, जो संस्थान की स्वर्ण जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया था।
‘आत्मनिर्भर भारत’ को बाहरी नियंत्रणों से स्वतंत्रता की खोज के रूप में परिभाषित करते हुए, सारस्वत ने कहा, “यदि हम दृढ़ता से आत्मनिर्भरता के मार्ग का अनुसरण करते हैं, तो हम रणनीतिक स्वायत्तता, लचीली आपूर्ति श्रृंखला, घरेलू नवाचार क्षमता और तकनीकी संप्रभुता हासिल करेंगे।”
उन्होंने आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाने में भारतीय वैज्ञानिक समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की तथा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में इसके योगदान को भारत की बढ़ती क्षमताओं का प्रमाण बताया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भावनाओं को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के साथ-साथ देश के वैज्ञानिकों ने भी भारत को वैश्विक मान्यता और गौरव दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सारस्वत ने भारत के बौद्धिक संपदा परिदृश्य को “पोर्टफोलियो से प्रदर्शन की ओर” स्थानांतरित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि भारत के बड़े स्टार्टअप आधार और नवाचार क्षमता के बावजूद, कम पेटेंट फाइलिंग, शिक्षा जगत और एमएसएमई में कमजोर बौद्धिक संपदा (आईपी) संस्कृति और प्रयोगशालाओं से बाजारों तक खराब प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रगति में बाधा डालते हैं।
सारस्वत ने एक बौद्धिक संपदा-आधारित शासन मॉडल का आह्वान किया, जो विकसित भारत के 5000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था, हरित विकास और तकनीकी संप्रभुता के लक्ष्यों का समर्थन करता हो।
अपने अध्यक्षीय भाषण में सीएसआईआर-एनआईआईएसटी के निदेशक सी. आनंदरामकृष्णन ने संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के महत्व पर प्रकाश डाला तथा रणनीतिक क्षेत्रों में अनुप्रयोगों सहित सामाजिक और औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा करने में उनकी प्रासंगिकता पर बल दिया।
समारोह में राष्ट्र निर्माण के लिए सीएसआईआर-एनआईआईएसटी की ओर से दस परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियां भी प्रस्तुत की गईं, जिन्हें 2027 तक उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जताई गई।
उन्होंने कहा, “सीएसआईआर-एनआईआईएसटी ऐसे समाधान बनाने के लिए समर्पित है जो वैज्ञानिक रूप से मजबूत, औद्योगिक रूप से प्रासंगिक और सामाजिक रूप से प्रभावशाली हों।”
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