मुख्यमंत्री ने की राजस्व विभाग की समीक्षा, तय समयसीमा में जनहित के मामले निपटाने के निर्देश दिए
जफर खारी
- 03 May 2025, 04:07 PM
- Updated: 04:07 PM
लखनऊ, तीन मई (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राजस्व विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा में अधिकारियों को राजस्व विवादों के समयबद्ध निपटारे और भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
उन्होंने इसे जनता के विश्वास, निवेश और पारदर्शी शासन के लिए महत्वपूर्ण बताया।
बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भूमि संबंधी विवादों का शीघ्र समाधान न केवल जनविश्वास, बल्कि राज्य में निवेश और विकास के लिए भी आवश्यक है। वहीं भूमि अभिलेखों (लैंड रिकॉर्ड) का डिजिटलीकरण पारदर्शी, भ्रष्टाचार-मुक्त तथा उत्तरदायी शासन प्रणाली की नींव है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग जनविश्वास का आधार है और उसकी कार्य शौली जन केंद्रित, तकनीकी रूप से दक्ष और संवेदनशील होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि शेष भू-अभिलेखों का डिजिटलीकरण शीघ्र पूर्ण किया जाए और शहरी क्षेत्रों का भू-अभिलेख तैयार कर उसे प्राथमिकता से ऑनलाइन पोर्टल पर सार्वजनिक किया जाए।
उन्होंने राजस्व परिषद की वेबसाइट को पुन:तैयार करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि यह अधिक उपयोगकर्ता अनुकूल और सरल होनी चाहिए। साथ ही लेखपाल से लेकर आयुक्त स्तर तक एकीकृत डैशबोर्ड विकसित करने का निर्देश दिया ताकि विभागीय निगरानी सरल हो सके और आमजन को सीधा लाभ मिले।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्राधिकरणों के भूमि उपयोग से संबंधित आंकड़ों को खतौनी पर प्रदर्शित किया जाए और धारा-80 के अंतर्गत भू-उपयोग परिवर्तन प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाया जाए।
नामांतरण वादों को पूर्णतः स्वचालित किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे नागरिकों को सुगमता और समयबद्ध न्याय प्राप्त होगा। उन्होंने चकबंदी प्रक्रिया में तकनीकी उपयोग और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, साथ ही सावधान किया कि चकबंदी की जटिलताओं के कारण गंभीर सामाजिक विवाद जन्म ले सकते हैं, ऐसे में इसे अत्यंत संवेदनशीलता से निपटाया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि अविवादित वरासत के मामलों का निस्तारण अधिकतम 15 कार्यदिवस के भीतर किया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तय समय खतौनी, किसान रजिस्ट्री, पैमाइश और खसरा पड़ताल से जुड़े सभी लंबित प्रकरणों का समाधान तय समयसीमा में अनिवार्य रूप से किया जाए। इसके लिए आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त मानव संसाधन की व्यवस्था की जाए।
विभाग द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, विगत वर्ष में ही 36 लाख से अधिक जाति, निवास एवं आय प्रमाणपत्र निर्गत किए गए, जिनमें से 85 फीसदी आवेदन सात कार्यदिवसों के भीतर ऑनलाइन निस्तारित हुए।
मुख्यमंत्री ने इस प्रगति को सराहनीय बताया और सेवा वितरण को और अधिक प्रभावी तथा पारदर्शी बनाए जाने के निर्देश दिए।
भाषा जफर