एनसीडब्ल्यू टीम ने मुर्शिदाबाद में हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात की, टीएमसी ने साधा निशाना
आशीष माधव
- 19 Apr 2025, 08:30 PM
- Updated: 08:30 PM
(तस्वीरों के साथ)
कोलकाता, 19 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व वाले एक प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा प्रभावित लोगों से शनिवार को मुलाकात कर उन्हें आश्वासन दिया कि भविष्य में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र हर आवश्यक कदम उठाएगा।
हालांकि, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने एनसीडब्ल्यू की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उस पर ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजनीतिक शाखा’’ के रूप में काम करने का आरोप लगाया।
प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दौरान हिंसा प्रभावित महिलाओं ने अपनी व्यथा बताई और मांग की कि जिले के चुनिंदा इलाकों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के स्थायी शिविर स्थापित किए जाएं और सांप्रदायिक झड़पों की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराई जाए। इन झड़पों में तीन लोगों की जान चली गई थी।
रहाटकर ने कहा, ‘‘इन महिलाओं को जो पीड़ा झेलनी पड़ रही है, उसे देखकर मैं स्तब्ध हूं। हिंसा के दौरान उन्हें जो कुछ सहना पड़ा, वह कल्पना से परे है।’’
एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने पीड़िताओं से कहा, ‘‘उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है’’ क्योंकि केंद्र उनके साथ है।
उन्होंने मुर्शिदाबाद के बेतबोना कस्बे में पीड़िताओं से कहा, ‘‘हम आपकी स्थिति को देखने आए हैं। कृपया चिंता न करें। देश और आयोग आपके साथ है। ऐसा न सोचें कि आप अकेले हैं।’’
एनसीडब्ल्यू सदस्यों द्वारा गांव का दौरा किए जाने पर दंगा प्रभावित महिलाएं अपनी व्यथा बताते हुए उनके सामने रो पड़ीं।
ग्रामीणों को तख्तियां थामे देखा गया जिन पर लिखा था- ‘हमें लक्ष्मी भंडार नहीं चाहिए, हमें बीएसएफ शिविर चाहिए। हमें सुरक्षा चाहिए।’ एक अन्य तख्ती पर लिखा था, ‘‘हम पर हमला हो रहा है।’’
एनसीडब्ल्यू सदस्य अर्चना मजूमदार ने संवाददाताओं को बताया कि आयोग केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को रिपोर्ट देगा और उन्हें दंगा प्रभावित महिलाओं की वहां बीएसएफ शिविर स्थापित करने की मांग से अवगत कराएगा।
एनसीडब्ल्यू टीम के साथ मौजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक श्रीरूपा मित्रा चौधरी ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘दक्षिण मालदा मेरा निर्वाचन क्षेत्र है। मैं पिछले 12 वर्ष से यहां से चुनाव लड़ रही हूं और इस बार मैंने जो देखा है, वह अप्रत्याशित है। मैंने पिछले 12 वर्ष में यहां इस पैमाने पर हिंसा कभी नहीं देखी।"
एनसीडब्ल्यू टीम ने मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान क्षेत्र का भी दौरा किया, जहां 11 और 12 अप्रैल को वक्फ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी।
एनसीडब्ल्यू टीम ने शुक्रवार को मालदा जिले में एक राहत शिविर का भी दौरा किया और मुर्शिदाबाद दंगों के कारण विस्थापित लोगों से मुलाकात की।
एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा, ‘‘अब तक हमने जो देखा है, उससे स्थिति बेहद चिंताजनक दिखती है। हम उनके दर्द और पीड़ा को महसूस कर सकते हैं।’’
प्रतिनिधिमंडल के दौरे की आलोचना करते हुए, तृणमूल ने आयोग की निष्पक्षता और बंगाल के खिलाफ उसके बयान के पीछे की राजनीतिक मंशा पर गंभीर सवाल उठाए।
तृणमूल के राज्यसभा सदस्य साकेत गोखले ने कहा कि एनसीडब्ल्यू सदस्य अर्चना मजूमदार ‘‘भाजपा कार्यकर्ता’’ हैं, जिन्होंने 2021 के बंगाल चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गईं।
गोखले ने कहा, ‘‘मोदी की प्रचार एजेंसी आपको यह नहीं बताएगी कि एनसीडब्ल्यू सदस्य अर्चना मजूमदार ने 2021 के बंगाल चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और हार गई थीं। वह भाजपा की सक्रिय कार्यकर्ता हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एनसीडब्ल्यू लंबे समय से भाजपा की राजनीतिक शाखा रही है। और वे इसे छिपाने में भी कुशल नहीं हैं।’’
टीएमसी के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने राज्य में एनसीडब्ल्यू की पिछली यात्राओं, विशेषकर संदेशखालि की यात्राओं से तुलना करते हुए दावा किया कि उन्होंने गलत सूचना फैलाने का चिर परिचित तरीका अपनाया।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष संदेशखालि के निवासियों ने इस बात पर चिंता जताई थी कि किस प्रकार आयोग और भाजपा की स्थानीय इकाई ने कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराए, जिनका बाद में फर्जी बलात्कार की शिकायतें दर्ज कराने में इस्तेमाल किया गया।
घोष ने कहा, ‘‘वे बंगाल के अलावा अन्य राज्यों में क्यों नहीं जा रही हैं? मणिपुर, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार होने पर वे कहां जाती हैं? वे यहां राजनीतिक कार्य पर आई हैं और भाजपा के समर्थकों के साथ घूम रही हैं। उनके अपने हित दांव पर लगे हैं।’’
तृणमूल नेता देबांग्शु भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘भाजपा के पास बंगाल में एक निश्चित संख्या में केंद्रीय टीम भेजने का वार्षिक कोटा है, जैसा उन्होंने बोगटुई मामले, चुनाव बाद की हिंसा और संदेशखालि व अन्य मामलों में किया था। इन केंद्रीय टीम और सीबीआई-एनआईए जांच के नतीजे के बारे में कोई नहीं जानता।’’
वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर सहित अन्य इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे।
भाषा आशीष