भाजपा विधायकों ने बंगाल विधानसभा के बाहर 'हिंदू शहीद दिवस' मनाया, मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की
नोमान नरेश
- 16 Apr 2025, 06:35 PM
- Updated: 06:35 PM
कोलकाता, 16 अप्रैल (भाषा) मुर्शिदाबाद जिले में हाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान एक विशेष समुदाय के लोगों पर कथित अत्याचार के खिलाफ तख्तियां लेकर भाजपा विधायकों ने बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा के निकट 'हिंदू शहीद दिवस' मनाया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की।
उन्होंने उन पिता-पुत्र के लिए भी न्याय की मांग की जिनकी पिछले सप्ताह मुस्लिम बहुल जिले में हिंसा के दौरान भीड़ ने हत्या कर दी थी।
विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा के लगभग 40 विधायकों ने 'हिंदू हिंदू भाई भाई' जैसे नारे लगाए और 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद के सुती, शमशेरगंज, धुलियान और जंगीपुर इलाकों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए पुलिस और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को जिम्मेदार ठहराया।
अधिकारी ने पिता-पुत्र की कथित तस्वीरें दिखाईं, जिनकी पहचान हरगोविंद दास और चंदन दास के रूप में हुई है। उनके शव शुक्रवार दोपहर हिंसा प्रभावित शमशेरगंज के जाफराबाद इलाके में उनके घर में मिले थे और शवों पर चाकू घोंपे जाने के कई घाव थे।
भाजपा नेता अधिकारी ने कहा, "पुलिस और प्रशासन ने उनके परिवार के सदस्यों की मदद की गुहार पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, क्योंकि जिहादियों की भीड़ ने उनके घरों को घेर लिया था। उनका एकमात्र अपराध यह था कि वे हिंदू थे।”
अधिकारी ने आरोप लगाया, "वे किसी झड़प में नहीं मारे गए, क्योंकि यह पूरी तरह से एकतरफा था। उन्हें घसीटा गया और निर्मम तरीके से मार डाला गया। इलाके में सत्तारूढ़ टीएमसी के विधायक और सांसद इन मौतों के लिए जिम्मेदार हैं, क्योंकि उन्होंने मुर्शिदाबाद जिले में वोट बैंक की राजनीति के लिए इन तत्वों को संरक्षण दिया था।"
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने मुर्शिदाबाद दंगों और निर्दोष लोगों की मौत के लिए बनर्जी के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि भाजपा हर साल इस दिन दिवंगत पिता-पुत्र की याद में 'हिंदू शहीद दिवस' मनाएगी।
अधिकारी ने कहा, "अगले साल इस तुष्टीकरण वाली ममता बनर्जी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए हिंदुओं को एकजुट होना होगा।"
पूरे पश्चिम बंगाल में 'हिंदू शहीद दिवस' मनाने का आह्वान करते हुए नंदीग्राम के विधायक अधिकारी ने कहा, "हम सभी भावनात्मक रूप से आहत और दुखी हैं। हम स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों में विश्वास करते हैं, हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करेंगे लेकिन अत्याचारों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
भाषा नोमान