तमिलनाडु चुनाव के लिए अन्नाद्रमुक और भाजपा ने हाथ मिलाया, पलानीस्वामी करेंगे नेतृत्व : शाह
अविनाश
- 12 Apr 2025, 12:02 AM
- Updated: 12:02 AM
चेन्नई, 11 अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी और अन्नाद्रमुक के अलग-अलग रास्ता अपनाने के करीब दो साल बाद दोनों दलों ने अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को एक बार फिर हाथ मिला लिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रदेश में 2026 का विधानसभा चुनाव अन्नाद्रमुक अध्यक्ष एडप्पादि के. पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
वरिष्ठ भाजपा नेता शाह ने परिसीमन, नीट और त्रि-भाषा नीति जैसे मामलों को उठाकर प्रमुख मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सत्तारूढ़ द्रमुक की आलोचना की।
पलानीस्वामी ने कहा कि राजग में शामिल होकर अन्नाद्रमुक सम्मानित महसूस कर रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘तमिलनाडु की प्रगति और समृद्धि के लिए साझा दृष्टिकोण पर आधारित एक गठबंधन।’’
दूसरी ओर प्रदेश में सत्तारूढ़ द्रमुक ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने के लिए अन्नाद्रमुक की आलोचना की और इस गठबंधन को "तमिलनाडु के साथ बड़ा विश्वासघात" बताया।
तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच अमित शाह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक एस गुरुमूर्ति से परामर्श किया और दोपहर होते-होते तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी अन्नाद्रमुक के साथ भाजपा का गठबंधन तय कर दिया। दोनों दल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा थे, जिन्होंने 2019 में लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ा और इसके दो साल बाद प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी एक साथ मैदान में उतरे थे।
शाह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अन्नाद्रमुक एवं भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने तमिलनाडु का आगामी विधानसभा चुनाव राजग के बैनर तले सहयोगी के तौर पर (एक साथ मिलकर) लड़ने का फैसला किया है। यह चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और राज्य स्तर पर अन्नाद्रमुक अध्यक्ष एडप्पादि पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।’’
उन्होंने 1998 के चुनाव के बारे में कहा, ‘‘एक तरह से 1998 से ही अन्नाद्रमुक राजग गठबंधन का हिस्सा रही है और लंबे समय तक प्रधानमंत्री मोदी जी और महान (दिवंगत मुख्यमंत्री) जयललिता जी ने राष्ट्रीय राजनीति में एक साथ काम किया। एक समय तो इस गठबंधन ने आम चुनाव में 39 में से 30 सीट जीती थीं।’’
शाह ने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन जबरदस्त बहुमत लेकर आएगा और तमिलनाडु में सरकार का गठन करेगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या राजग 2026 में राज्य में चुनाव जीतने पर गठबंधन सरकार बनाएगा, उन्होंने ‘हां’ में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अन्य संबंधित मुद्दों पर चुनाव के बाद फैसला किया जाएगा।
यह पूछे जाने पर क्या अन्नाद्रमुक के निलंबित नेता ओ पनीरसेल्वम और टीटीवी दिनाकरन भी राजग का हिस्सा होंगे, जैसे कि वे 2024 के आम चुनाव में थे, शाह ने कहा, ‘‘अन्नाद्रमुक के आंतरिक मामलों में हमारी कोई दखलंदाजी नहीं होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक हमारे सहयोगियों का सवाल है, अन्नाद्रमुक एवं भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई निर्णय करेगी।’’
शाह ने एक सवाल के जवाब में राज्य में सत्तारूढ़ द्रमुक की आलोचना की और आरोप लगाया कि वह सनातन धर्म, त्रि-भाषा नीति और परिसीमन जैसे मुद्दों को केवल महत्वपूर्ण विषयों से ध्यान हटाने के इरादे से उठा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु में द्रमुक सरकार बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, दलितों और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार तथा कानून-व्यवस्था की पूर्ण विफलता के लिए जिम्मेदार है। (मुख्यमंत्री एम के) स्टालिन के नेतृत्व में राज्य में 39,000 करोड़ रुपये का शराब घोटाला, रेत खनन घोटाला, ऊर्जा घोटाला, परिवहन घोटाला, धन शोधन, पोषण किट घोटाला, मुफ्त धोती घोटाला, अवैध छापे, तस्करी और मनरेगा से संबंधित अनियमितताओं समेत कई घोटाले हुए हैं।"
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘तमिलनाडु के लोग आगामी चुनावों में इन मुद्दों को ध्यान में रखकर मतदान करेंगे। जनता अब स्टालिन और (उनके बेटे तथा उपमुख्यमंत्री) उदयनिधि से भ्रष्टाचार पर जवाब मांग रही है।’’
इन मुद्दों पर अन्नाद्रमुक के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। अगर जरूरत पड़ी तो एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाया जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या अन्नामलाई को ‘हटाकर’ अन्नाद्रमुक को राजग में शामिल किया गया है, शाह ने कहा, ‘‘इसमें ज़रा भी सच्चाई नहीं है। अन्नामलाई आज भी प्रदेश प्रमुख हैं।’’
इस दौरान अन्नामलाई और पलानीस्वामी दोनों शाह के साथ मौजूद थे।
यह पूछे जाने पर कि संवाददाता सम्मेलन में करीब तीन घंटे की देरी क्यों हुई, शाह ने कहा कि बातचीत हो रही थी क्योंकि ‘‘गठबंधन को लंबे समय तक चलना है।’’
इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा तमिल भाषा, संस्कृति और लोगों पर बहुत गर्व करती है तथा उनका बहुत सम्मान करती है।
उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी ही थे जिन्होंने नए संसद भवन में ‘सेंगोल’ स्थापित करके तमिलनाडु की समृद्ध विरासत का सम्मान किया, ऐसा कुछ जिसका द्रमुक ने कभी प्रस्ताव भी नहीं रखा था।
प्रधानमंत्री ने गहरे सांस्कृतिक संबंधों का जश्न मनाने के लिए काशी तमिल संगमम और सौराष्ट्र तमिल संगमम की शुरुआत की।
उन्होंने कहा, ‘‘उनके नेतृत्व में ही पारंपरिक तमिल मार्शल आर्ट ‘सिलंबम’ को ‘खेलो इंडिया’ पहल में शामिल किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 करोड़ रुपये के निवेश से सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ क्लासिकल तमिल की स्थापना की और अमेरिका के ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में तमिल पीठ की स्थापना की।’’
अन्नामलाई द्वारा जयललिता समेत पार्टी के दिवंगत नेताओं के बारे में की गई कुछ टिप्पणियों के कारण सितंबर 2023 में अन्नाद्रमुक ने भाजपा से नाता तोड़ लिया था।
पलानीस्वामी ने अन्नाद्रमुक को समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी मार्गदर्शन के साथ अन्नाद्रमुक लोगों की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए राजग सहयोगियों के साथ मिलकर काम करेगी।
पलानीस्वामी ने शाह को अपने आवास पर रात्रिभोज के लिए भी आमंत्रित किया।
इस बीच, द्रमुक सांसद कनिमोझी ने अन्नाद्रमुक के राजग में शामिल होने की आलोचना की और इसे तमिलनाडु के साथ ‘बड़ा विश्वासघात’ बताया। उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘राज्य के लोग इस गठबंधन को करारा सबक सिखाएंगे।’’
सांसद ने उस संवाददाता सम्मेलन का जिक्र किया जिसमें शाह ने दोनों दलों के गठबंधन की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि पलानीस्वामी ने विभिन्न केंद्रीय विधेयकों और केंद्र की विभिन्न पहल का विरोध करने का दावा किया था, लेकिन आज वह ‘चुपचाप बैठे’ थे।
उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने अक्सर कहा है कि दोनों दल संपर्क में हैं और एक बार फिर गठबंधन होगा। यह सच साबित हुआ है।’’
भाषा रंजन