‘‘फर्जी हृदय रोग विशेषज्ञ’’ ने अपने रेज्यूमे में किया था हजारों मरीजों के ऑपरेशन का दावा : रोजगार सलाहकार फर्म
हर्ष खारी
- 11 Apr 2025, 08:33 PM
- Updated: 08:33 PM
इंदौर (मध्यप्रदेश), 11 अप्रैल (भाषा) इंदौर की एक रोजगार सलाहकार फर्म के संचालक ने शुक्रवार को दावा किया कि ‘‘फर्जी हृदय रोग विशेषज्ञ’’ नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम ने नौकरी के लिए उसकी फर्म को 2020 से 2024 के बीच तीन बार अपना ‘रेज्यूमे’ भेजा था जिसमें कहा गया था कि वह हजारों मरीजों के ऑपरेशन में शामिल रह चुका है।
कैम द्वारा किए गए ऑपरेशन में सात मरीजों की मौत हो गई थी। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तारी के बाद वह फिलहाल मध्यप्रदेश की दमोह पुलिस की हिरासत में है।
इंदौर की एक रोजगार सलाहकार फर्म के संचालक पंकज सोनी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कैम ने उनकी फर्म को 2020, 2023 और 2024 में ई-मेल के जरिये तीन बार रेज्यूमे भेजकर नौकरी के लिए ऑनलाइन संपर्क किया था।
सोनी के मुताबिक उनकी फर्म चिकित्सकों, नर्सों और अन्यकर्मियों की भर्ती के लिए देशभर के अस्पतालों को सेवाएं प्रदान करती है।
उन्होंने बताया, ‘‘हमने 2020 में इंटरनेट पर विज्ञापन जारी किया था कि एक निजी अस्पताल को हृदय रोग विशेषज्ञ की आवश्यकता है। तब इस विज्ञापन को देखकर कैम ने हमें पहली बार अपना रेज्यूमे भेजा था।’’
सोनी ने बताया, ‘‘हमें इस रेज्यूमे पर संदेह हुआ था क्योंकि इसमें बताया गया था कि कैम के पास चिकित्सा की बड़ी-बड़ी डिग्रियां हैं और वह पढ़ाई और रोजगार के सिलसिले में भारत के साथ ही ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, स्पेन और फ्रांस के नामी संस्थानों से जुड़ा रहा है। हमें यह सोचकर काफी हैरत हुई थी कि विदेशों में काम कर चुका एक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ भारत के छोटे शहरों में रोजगार क्यों ढूंढ रहा है?’’
उन्होंने बताया कि कैम ने उनकी फर्म को 2023 में दूसरी बार अपना ‘रेज्यूमे’ भेजा जिसे मध्यप्रदेश के बुरहानपुर शहर के एक निजी अस्पताल के एक अधिकारी तक पहुंचाया गया था।
सोनी ने कहा, ‘‘अस्पताल के अधिकारी ने भी रेज्यूमे देखकर इस पर संदेह जताया। इसके बाद इस रेज्यूमे को अपने ग्राहकों को भेजना बंद कर दिया था।’’
उन्होंने बताया कि कैम ने उनकी फर्म को तीसरी बार 2024 में अपना ‘रेज्यूमे’ भेजा।
सोनी के मुताबिक नौ पन्नों के ‘रेज्यूमे’ में कैम ने खुद को वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ बताया और अपना स्थायी पता ब्रिटेन के बर्मिंघम शहर का दिया था।
उन्होंने कहा कि ‘रेज्यूमे’ में कैम की बड़ी-बड़ी उपलब्धियों के साथ ही यह भी जिक्र था कि वह हजारों हृदय रोगियों के ऑपरेशन में शामिल रह चुका है जिनमें 18,740 ‘‘कोरोनरी एंजियोग्राफी’’ और 14,236 ‘‘कोरोनरी एंजियोप्लास्टी’’ शामिल हैं।
दमोह मिशनरी अस्पताल (डीएमएच) के उस कैथ लैब को बृहस्पतिवार को सील कर दिया गया जहां कैम ने मरीजों का ऑपरेशन किया था।
एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को कैम को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। उसे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि कैम के पास फर्जी मेडिकल डिग्री थी।
दमोह के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) एमके जैन की शिकायत पर कैम के खिलाफ जालसाजी और गबन के आरोपों में मामला दर्ज किया गया था।
भाषा हर्ष