पश्चिम बंगाल: नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों ने ‘ओएमआर शीट’ जारी करने की मांग करते हुए मार्च किया
जोहेब पवनेश
- 11 Apr 2025, 05:23 PM
- Updated: 05:23 PM
कोलकाता, 11 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद नौकरियां गंवाने वाले हजारों शिक्षकों व गैर शिक्षण कर्मचारियों ने शुक्रवार को कोलकाता में मार्च किया और इस दौरान आरजी कर अस्पताल में बलात्कार-हत्या के मामले को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों की यादें ताजा हो गईं।
मार्च के दौरान उसम भरी दोपहरी में 'हमें न्याय चाहिए' के नारे गूंज रहे थे, साथ ही प्रदर्शनकारियों में आक्रोश और हताशा भी साफ देखी जा सकती थी।
साल 2016 में एसएससी परीक्षा देने वाले वास्तविक परीक्षार्थियों की पहचान करने के लिए 22 लाख ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन (ओएमआर) शीट जारी करने की मांग को लेकर साल्ट लेक में करुणामयी से पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के कार्यालय ‘आचार्य सदन’ तक यह मार्च आयोजित किया गया था। उच्चतम न्यायालय ने चयन प्रक्रिया को 'दोषपूर्ण और भ्रष्ट' करार देते हुए अमान्य घोषित कर दिया था।
विभिन्न नागरिक समाज संगठनों के सदस्य भी एकजुटता दिखाने के लिए प्रदर्शनकारियों के साथ मार्च में शामिल हुए। उन्होंने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिनपर नौकरियां बहाल करने की मांग की गई थी।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “ पात्र शिक्षकों की पहचान करने में मदद के लिए एसएससी को ओएमआर शीट की प्रतियां जारी करनी चाहिए।”
आयोग ने इससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय दोनों को बताया था कि उसके पास अब ओएमआर शीट या उनकी डिजिटल प्रतियां नहीं हैं, क्योंकि उन्हें नष्ट किया जा चुका है।
प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गए और नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के प्रतिनिधियों तथा राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु के बीच होने वाली महत्वपूर्ण बैठक के नतीजे का बेसब्री से इंतजार करने लगे।
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, "जब तक इस गतिरोध का कोई आपसी सहमति वाला समाधान नहीं निकल जाता, हम सड़कों से नहीं उठेंगे।"
आंदोलन को नियंत्रण से बाहर होने से रोकने के लिए एसएससी कार्यालय पर बड़ी संख्या में पुलिस और आरएएफ कर्मियों को तैनात किया गया था।
नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के साथ इस सप्ताह की शुरुआत में एक बैठक में की गई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी को दोहराते हुए बसु ने घोषणा की थी कि बंगाल सरकार नौकरियां गंवाने वाले लगभग 26,000 उम्मीदवारों में से अधिकांश के भाग्य के संबंध में जल्द ही उच्चतम न्यायालय के समक्ष स्पष्टीकरण याचिका दायर करेगी।
बसु ने कहा कि पात्र उम्मीदवारों के लिए सरकार शीर्ष अदालत के फैसले पर समीक्षा याचिका दायर करेगी।
इस बीच, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड उच्चतम न्यायालय के फैसले में संशोधन के लिए पहले आवेदन कर चुका है, जिसमें अदालत से आग्रह किया गया है कि 'बेदाग' तरीके से भर्ती हुए कर्मचारियों को चालू शैक्षणिक वर्ष के अंत तक या इन पदों पर नयी नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी होने तक सेवा में बने रहने की अनुमति दी जाए।
वहीं, शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि कस्बा में डीआई कार्यालय में पिछले विरोध प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों को लात मारने के आरोपी पुलिस अधिकारी को अब प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच का जिम्मा सौंपा गया है।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम ऐसी जांच से क्या उम्मीद कर सकते हैं? किसी भी सभ्य समाज में आरोपी पीड़ितों के मामले की जांच नहीं करता।”
भाषा जोहेब