संघ संस्थापक हेडगेवार के नाम पर केंद्र खोले जाने का डीवाईएफआई, युवा कांग्रेस ने किया विरोध
वैभव नरेश
- 11 Apr 2025, 01:50 PM
- Updated: 01:50 PM
पलक्कड़ (केरल), 11 अप्रैल (भाषा) यहां बच्चों सहित दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक कौशल विकास केंद्र के शिलान्यास समारोह में उस समय नाटकीय दृश्य देखने को मिले, जब डीवाईएफआई और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने केंद्र का नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केबी हेडगेवार के नाम पर रखे जाने के विरोध में कार्यक्रम को अवरुद्ध किया।
माकपा की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) और कांग्रेस के युवा संगठन के कार्यकर्ताओं ने दो तरफ से कार्यक्रम को बाधित करने की कोशिश की, वहीं पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए हस्तक्षेप किया।
यह कार्यक्रम पलक्कड़ नगरपालिका द्वारा आयोजित किया गया था, जिस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का शासन है।
नगर पालिका अध्यक्ष प्रमिला शशिधरन ने सवाल किया, ‘‘नाम में क्या रखा है?’’
उन्होंने कहा कि परियोजना के पीछे की मंशा अधिक महत्वपूर्ण है जो दिव्यांगों की मदद करना है।
शशिधरन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर स्टेडियम हैं। हेडगेवार ने दिव्यांगों के लिए काम किया है। तो, केंद्र का नाम उनके नाम पर रखने में क्या गलत है?’’
नगर पालिका उपाध्यक्ष ई. कृष्णदास ने कार्यक्रम को रोकने की कोशिश करने के लिए डीवाईएफआई और युवा कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि यह क्षेत्र के 200 से अधिक विकलांग व्यक्तियों की भलाई के लिए था।
उन्होंने कहा, ‘‘कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, इसमें कोई संदेह नहीं है।’’
टीवी चैनलों पर दिखाए गए दृश्यों के अनुसार, डीवाईएफआई कार्यकर्ता मंच पर चढ़ गए, उन्होंने कार्यक्रम के बैनर को फाड़ दिया, नारे लगाए और माइक पोडियम को भी धक्का दे दिया।
डीवाईएफआई के एक स्थानीय नेता ने संवाददाताओं से कहा कि संगठन परियोजना के खिलाफ नहीं है, लेकिन वह केंद्र का नाम आरएसएस के संस्थापक के नाम पर नहीं रखने देगा।
इसी तरह का रुख अपनाते हुए, कांग्रेस की युवा शाखा, के कार्यकर्ताओं ने उस स्थान को घेर लिया जहां आधारशिला रखी जानी थी और समारोह को होने से रोकने के लिए वे अंदर भी घुस गए।
युवा कांग्रेस के एक स्थानीय नेता ने कहा कि हालांकि वे परियोजना के खिलाफ नहीं थे, लेकिन नगर पालिका के पास चुनने के लिए कई राजनीतिक नेताओं के नाम थे।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह दुखद है कि उन्होंने हेडगेवार का नाम चुना। हम पलक्कड़ का भगवाकरण नहीं होने देंगे।’’
पुलिस द्वारा डीवाईएफआई और युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने और उन्हें वहां से हटाने के बाद कार्यक्रम शुरू हुआ।
भाषा वैभव